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उत्तर प्रदेश, नोएडा: ई-साइकिल योजना फेल! 62 डॉक स्टेशन जमींदोज

उत्तर प्रदेश, नोएडा: ई-साइकिल योजना फेल! 62 डॉक स्टेशन जमींदोज

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।नोएडा प्राधिकरण की ई-साइकिल योजना महज कागजों तक ही सीमित रह गई। इस योजना की शुरुआत साल 2021 में शहर के लोकल ट्रांसपोर्टेशन को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई थी।

इसके तहत विभिन्न कामर्शियल, औद्योगिक, संस्थागत और IT सेक्टर की सड़कों पर 62 डॉक स्टेशन बनाए गए। हरएक स्टेशन को इस तरह डिजाइन किया गया था कि उसमें आसानी से10 ई-साइकिल आराम से खड़ी की जा सके लेकिन, 5 साल बीत जाने के बावजूद यह योजना पूरी तरह विफल साबित हुई। केवल जमीन घेरने का साधन बनकर डॉक स्टेशन रह गए।

2 करोड़ रुपयों का आया था खर्चा

बताया जा रहा है कि इन डॉक स्टेशनों के निर्माण में लगभग 2 करोड़ रुपयों का खर्चा किया गया था। ई-साइकिल चार्जिंग के लिए UPPCL से बिजली कनेक्शन भी उपलब्ध कराया गया। यह योजना 2023 आते-आते ठप हो गई।

घाटे का सौदा साबित हुए 62 डॉक स्टेशन

विशेषज्ञों की माने तो नोएडा की जमीन बेहद कीमती है। कियोस्क जैसी योजनाओं से प्राधिकरण को हर साल यहां करोड़ों का राजस्व मिलता है। नोएडा की प्राइम लोकेशन पर बने 62 डॉक स्टेशन प्राधिकरण के लिए घाटे का सौदा साबित हुए। करीब 550 वर्गमीटर जमीन पर बने ये स्टेशन अन्य योजनाओं के लिए इस्तेमाल होते तो ना केवल राजस्व बढ़ता बल्कि स्थानीय लोगों को भी लाभ पहुंचता।

लंबित रह गया मामला

योजना की शुरुआत में दावा किया गया था कि इस योजना से करीब 1125 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। साइकिलें एक महीने भी नहीं चलने से ये टारगेट भी अधूरा रह गया। जानकारी के मुताबिक 5 साल तक NTC विभाग ने केवल नोटिस जारी करने तक ही कार्रवाई सीमित रखी। कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू तो हुई, लेकिन हर बार कंपनी के निदेशक बदल दिए गए और मामला लंबित रह गया।

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