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उत्तर प्रदेश, नोएडा: पौवारी में बायोगैस संयंत्र लगाने की तैयारी तेज

उत्तर प्रदेश, नोएडा: पौवारी में बायोगैस संयंत्र लगाने की तैयारी तेज

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।पौवारी गांव के गोशाला परिसर में बायोगैस संयंत्र लगाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इच्छुक कंपनियों को परियोजना के संबंध में आवश्यक जानकारी देने और उनके सुझावों को प्राप्त करने के लिए चार अगस्त को बैठक होगी। इस माह कार्य शुरू करने के लिए निविदा जारी किए जाने की उम्मीद है। पौवारी में बनने वाले बायो गैस संयंत्र की क्षमता 50 टीपीडी (टन प्रतिदिन) होगी।

गोबर और अन्य अपशिष्ट को प्रोसेस करने से प्राप्त बायो सीएनजी गैस को बेचने से प्राधिकरण को जो कमाई होगी, उसे गोशाला के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। इससे गोवंशों की देखभाल में आसानी होगी। इस संयंत्र को लगाने में लगभग 17 करोड़ रुपये का खर्च आने का आकलन है। यह रकम चयनित कंपनी खुद वहन करेगी। प्राधिकरण ने पूर्व में इस क्षेत्र से जुड़ी कपंनियों से प्रस्ताव मांगे गए थे। प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है। प्राधिकरण की ओर से पौवारी गांव में बनाई गई गोशाला की क्षमता 500 से अधिक गोवंश की है। गोवंश से उत्सर्जित होने वाले गोबर और अन्य अपशिष्ट का निस्तारण करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इससे निपटने के लिए के लिए गोशाला परिसर में खाली पड़ी जगह पर बायोगैस संयंत्र स्थापित करने की योजना पर काम शुरू किया गया है। प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक इच्छुक कंपनियों के साथ चार अगस्त को बैठक कर परियोजना के नियम व शर्तों के बारे में जानकारी दी जाएगी। कंपनियों के प्रतिनिधियों की ओर से दिए जाने वाले जरूरी सुझावों को शामिल करते हुए निविदा जारी की जाएगी। —- चयनित कंपनी उठाएगी खर्च संयंत्र लगाने पर आने वाला खर्च चयनित कंपनी ही उठाएगी। गोबर और अन्य अपशिष्ट प्राधिकरण मुहैया कराएगा। यदि रोजाना 50 टन गोबर प्राप्त नहीं होता है तो आसपास के गांवों से गोबर और घरेलू कचरा इकट्ठा कर उसे प्रोसेस किया जाएगा। इससे प्राधिकरण को आमदनी भी होगी। बायो गैस बनाने से कंपनी को जो आमदनी होगी,उसका कुछ हिस्सा प्राधिकरण को देना होगा। बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी को जिम्मेदारी दी जाएगी। बायोगैस संयंत्र से होने वाली आमदनी गोशाला के रखरखाव पर खर्च की जाएगी। आसपास के गांवों के कचरे और गोबर का निस्तारण होने से स्वच्छता अभियान को भी गति मिलेगी। —- गोबर और अन्य अपशिष्ट के निस्तारण की समस्या को दूर करने के लिए पौवारी गोशाला में बायो गैस संयंत्र स्थापित करने की तैयारी तेज कर दी गई है। निविदा जारी करने से पहले इच्छुक कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक कर उन्हें परियोजना के संबंध में जानकारी देने के साथ उनसे सुझाव लिए जाएंगे। बायो गैस संयंत्र बनने से गोशाला के साथ-साथ क्षेत्र के गांवों में भी गोबर के निस्तारण की समस्या दूर हो जाएगी। श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण।

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