उत्तर प्रदेश, नोएडा: न्यू नोएडा के लिए सेटेलाइट डेटा से तैयार होगा नोएडा का बेसमैप, चिह्नित होंगे निर्माण
उत्तर प्रदेश, नोएडा: न्यू नोएडा के लिए सेटेलाइट डेटा से तैयार होगा नोएडा का बेसमैप, चिह्नित होंगे निर्माण

उत्तर प्रदेश, नोएडा। दादरी से खुर्जा के बीच 80 गांव की जमीन पर प्रस्तावित दादरी-गाजियाबाद-नोएडा इनवेस्टमेंट रीजन (न्यू नोएडा) के विकास की तैयारी नोएडा प्राधिकरण आगे बढ़ा रहा है। अब आगे प्राधिकरण बेसमैप तैयार करवाएगा। इसके लिए सेटेलाइटिंग मैपिंग होगी। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि सैटेलाइट मैपिंग से सड़कों की स्थिति का डेटा मिल जाएगा। इस डेटा से बेस मैप तैयार किया जाएगा उसके आधार पर आगे का विकास शुरू होगा।
खासकर मास्टर प्लान के मुताबिक सुनियोजित विकास के लिए सैटेलाइट के जरिए तैयार किया गया बेस मैप अहम होगा। इससे चिन्हित कर अवैध निर्माण व बेतरतीब विकास को रोके जाने की कार्रवाई प्राधिकरण कर सकेगा। न्यू नोएडा का मास्टर प्लान 2041 प्रभावी हो चुका है। प्राधिकरण ने शुरुआत के लिए अस्थाई दफ्तर को जमीन सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र के पास जोखाबाद और सांवली गांव में देखी है। करीब 10 हजार वर्ग मीटर जमीन दफ्तर के लिए ली जाएगी। मास्टर प्लान प्रभावी होने के साथ भू-माफियाओं के सक्रिय होने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। प्राधिकरण के सामने चुनौती अवैध प्लॉटिंग व निर्माण को रोकने की होगी। कार्रवाई करने पर कई बार निर्माण करने वालों की तरफ से यह तर्क दिया जाता है कि निर्माण मास्टर प्लान लागू होने के पहले का है।
जमीन की दरें तय करने पर मंथन, बैठक करेगा प्राधिकरण
न्यू नोएडा में प्राधिकरण किसानों से आपसी समझौते के आधार पर प्रशासन के माध्यम से जमीन लेगा। वहां के लिए जमीन दरें अभी नोएडा प्राधिकरण ने तय नहीं की हैं। न्यू नोएडा की सीमा से यमुना और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जुड़ा हुआ है। वहीं विकास नोएडा प्राधिकरण करेगा। इसलिए जमीन की दरों पर अभी मंथन चल रहा है। इसके साथ ही आगे विकास में सहयोग के लिए प्राधिकरण स्थानीय सांसद, विधायक व अन्य जन प्रतिनिधियों साथ बैठक भी करेगा। ऐसे में सैटेलाइट डेटा से तैयार हुआ बेसमैप हकीकत सामने लाता है। प्राधिकरण की प्लॉट निकालने और विकास के लिए जमीन लेने की शुरुआत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और जीटी रोड दोनों अलग हो रहे हैं वहां से है। यहां पर मास्टर प्लान में औद्योगिक के साथ ही संस्थागत उपयोग की भी है। न्यू नोएडा को पहले चरण में 3165 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। दूसरे चरण में 3798 हेक्टेयर जमीन का विकास वर्ष 2032, तीसरे चरण में 5908 हेक्टेयर जमीन का विकास वर्ष 2037 और अंत में चौथे चरण के तहत 8230 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य 2041 तक कराने का लक्ष्य रखा गया है।
लैंड पुलिंग से सुनियोजित विकास की तस्वीर साफ नहीं
न्यू नोएडा को लैंड पुलिंग के जरिए आगे बढ़ाने पर विचार किया। इस व्यवस्था में विकासकर्ता किसान से जमीन लेकर विकास करने के बाद एक निश्चित प्रतिशत उसे सौंप देता है। लेकिन प्राधिकरण की तरफ से सौंपी गई जमीन का उपयोग किसान कौन से भू-उपयोग के तहत करेगा यह स्पष्ट नहीं है। मास्टर प्लान में जमीन औद्योगिक, वाणिज्यिक, संस्थागत, आवासीय व अन्य उपयोग की दिखाई गई है। अब औद्योगिक प्लॉट के बगल में मिली जमीन पर किसान अगर वाणिज्यिक उपयोग करेगा तो सुनियोजित विकास पर असर पड़ेगा। प्राधिकरण ऐसा करने से रोक पाए ऐसी कोई अभी व्यवस्था भी नहीं है। फिलहाल औद्योगिक विकास विभाग में इसको लेकर मंथन चल रहा है। सतीश पाल, एसीईओ, नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि न्यू नोएडा क्षेत्र में शामिल गांव में कितने निर्माण हैं क्या स्थिति है इसके लिए सेटेलाइट मैपिंग प्राधिकरण करवाएगा। फिर तैयार होने वाला नक्शा सुनियोजित विकास को कई मायनों में मदद करेगा।
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