उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा के बिल्डरों को एक महीना का अल्टीमेटम, तीनों प्राधिकरण से मांगी लिस्ट
उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा के बिल्डरों को एक महीना का अल्टीमेटम, तीनों प्राधिकरण से मांगी लिस्ट
अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। गौतमबुद्ध नगर राज्य जीएसटी विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई में क्षेत्र के प्रमुख बिल्डरों पर लीज प्रीमियम के मद में 580 करोड़ रुपये के जीएसटी बकाये का खुलासा किया है। विभागीय जांच में पाया गया कि अधिकांश बिल्डर लीज रेंट पर तो जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं, परंतु लीज प्रीमियम पर कर जमा करने से बच रहे हैं।
रेरा की वेबसाइट से प्राप्त लीज डीड के आधार पर की गई जांच में 35 बिल्डरों की व्यवसायिक परियोजनाओं पर 468 करोड़ रुपये की कर देनदारी सामने आई है। इसके अतिरिक्त, विशेष अनुसंधान शाखा द्वारा जांचे गए आठ अन्य बिल्डरों पर भी जीएसटी बकाया पाया गया है।अपर आयुक्त राज्यकर गौतमबुद्ध नगर का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 से अब तक लीज प्रीमियम पर 18 प्रतिशत की दर से 580 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया है। पिछले माह भेजे गए नोटिस के बाद कुछ बिल्डरों ने लगभग 30 करोड़ रुपये जमा किए हैं, जबकि अन्य ने समय मांगा है।
रीशेड्यूलमेंट पॉलिसी लागू, रेरा वेबसाइट में मिली कमियां
विभाग का दायरा और भी व्यापक होने वाला है, क्योंकि रेरा की वेबसाइट पर कई मामलों में अपडेट की कमी है। कई ऐसे मामले हैं जहां लीज डीड किसी अन्य के नाम पर है, लेकिन काम कोई दूसरा बिल्डर कर रहा है। सबलीज के मामलों में दोनों बिल्डरों पर कर की देनदारी बनेगी। नोएडा प्राधिकरण एक सप्ताह के भीतर विभाग को बिल्डरों को आवंटित भूखंडों का पूरा विवरण उपलब्ध कराएगा, जिसमें भूखंड का आकार और भुगतान योजना शामिल होगी। रीशेड्यूलमेंट पॉलिसी के तहत हुए किसी भी बदलाव की जानकारी भी दी जाएगी।
परियोजनाओं के लीज भुगतान की जानकारी मांगी
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि गौतमबुद्ध नगर में पंजीकृत कुछ बिल्डरों के मुख्य कार्यालय गाजियाबाद, मेरठ और लखनऊ में स्थित हैं। इन बिल्डरों की जानकारी संबंधित क्षेत्रों के जीएसटी अधिकारियों को प्रेषित की जाएगी। विभाग ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से भी बिल्डरों के व्यवसायिक और आवासीय परियोजनाओं के लीज भुगतान की जानकारी मांगी है।
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