उत्तर प्रदेश, नोएडा: ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक भूखंडों का डाटा तैयार होगा
उत्तर प्रदेश, नोएडा: ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक भूखंडों का डाटा तैयार होगा

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। सेक्टर-29 में हस्तशिल्प, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग योजना (एमएसएमई) के अंतर्गत नियोजित और गैर आवंटित भूखंडों का डाटा तैयार किया जाएगा। वर्तमान में स्थल पर उपलब्ध और कब्जा प्राप्त भूखंडों की सूची तैयार कर नई योजना में शामिल करने का फैसला लिया गया है। प्राधिकरण ने एक अधिकारी ने बताया कि शहर में करीब 11 अलग अलग क्षेत्रों में फ्लैटेड फैक्टरी बनाने की तैयारी चल रही है। इनमें हस्तशिल्प और एमएसएमई भी शामिल हैं, ताकि नए और छोटे व्यापारी को किराये पर फैक्टरी देकर उद्योग शुरू कराया जा सके।
फ्लैटेड फैक्टरी मुख्य रूप से उन कंपनियों को किराए पर दी जाती है, जो बड़े औद्योगिक प्लॉट खरीदने का खर्च नहीं उठा सकतीं। ये फैक्टरियां छोटे व्यवसायों, विशेष रूप से स्टार्टअप को न्यूनतम पूंजी के साथ संचालन स्थापित करने का अवसर प्रदान करती है। एमएसएमई बड़े उद्योगों के लिए बेहद जरूरी है। चूंकि, अभी शहर में छोटे उद्यमियों और स्टार्टअप के लिए कोई योजना तैयार नहीं है। साथ ही एयरपोर्ट और फिल्म सिटी आने से शहर में जमीन के दाम आसमान पर हैं। ऐसे में छोटे उद्यमियों के लिए यहां भूखंड खरीदना काफी महंगा है। सेक्टर-28 में मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए 1.4 एफएआर के साथ 240 यूनिट की फ्लैटेड फैक्टरी के लिए आरएफपी भी जारी हो गई। हस्तशिल्प और एमएसएमई के लिए भी यह परियोजना शुरू की जा सके, ऐसे में प्राधिकरण ने उद्योग विभाग से सेक्टर-29 में इन दोनों श्रेणी में खाली भूखंडों का विवरण मांगा है, ताकि वर्तमान स्थिति के अनुसार यहां नई योजना तैयार की जा सके।
इन श्रेणियों में फ्लैटेड फैक्टरी बनेगी
शहर में ज्यादा से ज्यादा उद्योगों को गति देने के लिए यीडा मेडिकल डिवाइस और इलेक्ट्रोनिक पार्क के अलावा अपेरल पार्क, हस्तशिल्प पार्क, एमएसएमई पार्क, टाय पार्क, सेमीकंडक्टर, आईटी पार्क, डाटा सेंटर पार्क, ईवी पार्क और एविएशन जैसे क्षेत्रों में भी छोटे उद्यमियों को प्लेटफार्म देने के लिए यह योजना तैयार कर रहा है। यहां पर करीब तीन हजार फ्लैटेड फैक्टरी बनाई जा सकेगी।
औद्योगिक विकास के लिए भूमि अधिग्रहीत होगी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी इस वर्ष शहर में अधिक भूमि अधिग्रहण के अपने अभियान को और तेज करने की योजना बना रहा है। प्राधिकरण ने अब तक आठ नए औद्योगिक सेक्टरों में कुल 2,222 एकड़ में से 57 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण कर लिया है। प्राधिकरण का कहना है कि औद्योगिक विकास को गति देने के लिए भूमि अधिग्रहण आवश्यक है। वह किसानों से बातचीत कर उन्हें उचित मुआवज़ा और पुनर्वास पैकेज प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं। यहां नई कंपनियां तैयार की जाएगी, ताकि क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके।
औद्योगिक सेक्टरों में खाली भूखंडों का डाटा तैयार किया जाएगा, ताकि प्राधिकरण के पास भूखंडों का सही जानकारी हो और समय पर नई योजनाओं को शुरू किया जा सके। – डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण