उत्तर प्रदेश, नोएडा: ग्रेनाइट गेट प्रॉपर्टीज के खिलाफ ईओडब्ल्यू करे जांच
उत्तर प्रदेश, नोएडा: -नोएडा प्राधिकरण ने लिखा पत्र, 1589 करोड़ का बकाया
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अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेनाइट गेट प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड की दो परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा दिल्ली को पत्र लिखकर आग्रह किया है। इन दोनों परियोजनाओं पर कुल 1589.27 करोड़ रुपए बकाया है। इन लोगों ने योजना के तहत फ्लैट बनाए। आवंटन किया और पैसे प्राधिकरण में न जमाकर अन्य परियोजनाओं में लगा दिए।
प्राधिकरण अधिकारी ने बताया कि ग्रुप हाउसिंग भूखंड संख्या जीएच-03 सेक्टर-100 में 1 लाख 20 हजार वर्गमीटर जमीन का आवंटन 24 दिसंबर 20089 को रेड फोर्ट जहांगीर प्रोपर्टी प्राइवेट लिमिटेड व नाम बदलकर ग्रेनाइट गेट प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को किया गया। 30 दिसंबर 2008 को कंपनी के नाम लीज डीड की गई। आवंटी पर करीब 495.85 करोड़ रुपए बकाया है। जमा करने के लिए प्राधिकरण ने कई बार नोटिस जारी किए। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के प्रमोटर विदुर भरद्वाज, निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी, गुरुबक्श सिंह , सुभाष बेदी और कल्याण यनमेंद्र ने परियोजना के फ्लैट बेचकर तृतीय पक्षीय अधिकार पैदा किए और पैसा प्राधिकरण के खाते में जमा नहीं करके अन्य स्थानों पर लगाया गया। जिससे फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री नहीं हो सकी। साथ ही प्राधिकरण को वित्तीय हानि का सामना करना पड़ा। ऐसे में प्राधिकरण में उक्त परियोजना के प्रमोटर की वित्तीय अनियमितताओं के लिए ईओडब्ल्यू को पत्र लिखा है।
दूसरे पर 1093.42 करोड़
इसके अलावा भूखंड संख्या जीएच-05 सेक्टर-110 में 1 लाख 64 हजार 120 वर्गमीटर का आवंटन 10 दिसंबर 2009 को ग्रेनाइट गेट प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को किया गया। 29 दिसंबर 2009 को लीज डीड की गई। इस परियोजना पर प्रमोटर का करीब 1093.42 करोड़ बकाया है। ये पैसा बिल्डर ने अब तक प्राधिकरण में जमा नहीं किया। इस परियोजना में उक्त प्रमोटरों ने फ्लैट बेचकर पैसा कमाया। लेकिन प्राधिकरण में जमा नहीं किया। प्राधिकरण में ईओडब्ल्यू को जांच के लिए आग्रह किया है।