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उत्तर प्रदेश, नोएडा: ग्रामीण भारत में जल और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए बजट बढ़ाया

उत्तर प्रदेश, नोएडा: ग्रामीण भारत में जल और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए बजट बढ़ाया

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। एचसीएलटेक ने सीएसआर के तहत अपने प्रमुख कार्यक्रम एचसीएलटेक ग्रांट के लिए बजट बढ़ाकर 24 करोड़ रुपये कर दिया है। एचसीएलटेक ग्रांट में एक नई श्रेणी जल जोड़ी गई है और पर्यावरण श्रेणी की जगह अब जैव विविधता श्रेणी रहेगी। शिक्षा और स्वास्थ्य की श्रेणियां पहले की तरह जारी रहेंगी। हर श्रेणी में जो एनजीओ पहले स्थान पर रहेगा, उसे चार साल के लिए 5 करोड़ रुपये की मदद मिलेगी। इसके अलावा, आठ दूसरे एनजीओ को दो साल के लिए 50 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। इस बार कुल 24 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी, जो पिछले साल 16.5 करोड़ रुपये थी।

जल श्रेणी के तहत उन परियोजनाओं को मदद जी जाएगी जो पानी बचाने, पानी के सही तरीके से इस्तेमाल करने और ग्रामीण इलाकों में जल संकट को दूर करने के लिए काम करती हैं। जैव विविधता श्रेणी में ऐसे कामों को बढ़ावा दिया जाएगा जो पेड़-पौधों और जानवरों की विविधता को बचाने और बढ़ाने में मदद करें। नई पहल उन परियोजनाओं का समर्थन करेगी जो पानी से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को हल करने का काम करती हैं, जैसे पानी का संरक्षण, उसका सही तरीके से उपयोग और टिकाऊ उपाय अपनाना। पानी से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन, इसमें फंडिंग और मदद पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। एचसीएलफाउंडेशन की निदेशक डा निधि पुंडीर ने कहा पानी एक कीमती संसाधन है और भारत में पानी की कमी को कम करने के लिए इसका जिम्मेदारी से प्रबंधन करना बेहद जरूरी है। इस नई पहल के माध्यम से, एचसीएलफाउंडेशन पानी के संरक्षण पर काम करने वाले नवाचारपूर्ण प्रोजेक्ट्स में एनजीओ के साथ साझेदारी करना चाहता है। साथ ही, पूरे देश में जैव विविधता को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है। इसलिए, एचसीएलटेक ग्रांट में दो नए विषय पानी और जैव विविधता शामिल किए गए हैं, जबकि शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी पहले की तरह ध्यान दिया जाएगा।

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