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नई दिल्ली: तनाव व चिंता कम करने में मददगार है अश्वगंधा

नई दिल्ली: -नींद में सुधार करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मददगार

नई दिल्ली, 4 अप्रैल : शुक्रधातु की उत्पत्ति, पुष्टता एवं उसमें उत्पन्न दोषों की चिकित्सा या पौरुषत्व गुणों में वृद्धि के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ‘अश्वगंधा’ तनाव कम करने, नींद में सुधार करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मददगार है।

यह दावा आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल मेडिसनल प्लांट बोर्ड (एनएमपीबी) ने शुक्रवार को किया। बोर्ड के अनुसंधान अधिकारी डॉ जितेंद्र कुमार ने बताया कि अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों सहित विभिन्न देशों में व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाती है। इसके लाभों को लेकर दुनियाभर में शोध जारी हैं जो 2019 में सूचीबद्ध 95 शोध से बढ़कर 2024 में 201 हो गए हैं। यानि अश्वगंधा के चिकित्सीय गुणों को लेकर महज 5 वर्षों में 111.58% शोध की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज हुई है।

बोर्ड के मुताबिक हाल ही में अश्वगंधा के अनुप्रयोग को लेकर करीब 400 लोगों पर 5 रैंडम टेस्ट किए गए और विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि अश्वगंधा अर्क ने वयस्कों में नींद की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया है। खासकर उन लोगों में जिनमें अनिद्रा का निदान किया गया था। यह अर्क जागने पर मानसिक सतर्कता बढ़ाने और चिंता के स्तर को कम करने के लिए भी जाना जाता है। इस दौरान वैज्ञानिकों ने ये भी पाया कि अश्वगंधा में विभिन्न औषधीय प्रभाव वाले जैव सक्रिय यौगिक होते हैं, जिनमें सूजनरोधी, तनावरोधी, एंटीऑक्सीडेंट, प्रतिरक्षा विनियमन, रक्तवर्धक और कायाकल्प करने वाले गुण शामिल हैं। यह अंतःस्रावी, कार्डियोपल्मोनरी और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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