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Yuva Sammelan Delhi: भारत मंडपम में ‘बगावत से सियासत तक’ युवा सम्मेलन का आयोजन, राष्ट्र निर्माण को लेकर गूंजा युवाओं का जय घोष

Yuva Sammelan Delhi: भारत मंडपम में ‘बगावत से सियासत तक’ युवा सम्मेलन का आयोजन, राष्ट्र निर्माण को लेकर गूंजा युवाओं का जय घोष

रिपोर्ट: रवि डालमिया

राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में युवाओं के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का संवाद मंच ‘बगावत से सियासत तक’ का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं को सिर्फ राजनीति में ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक विमर्श में भी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना था। कार्यक्रम में देश भर से आए बुद्धिजीवी, जागरूक और सामाजिक रूप से सक्रिय युवाओं ने हिस्सा लिया और देश निर्माण से जुड़े मुद्दों पर खुलकर संवाद किया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई और इसके बाद विभिन्न शहरों से आए कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिससे कार्यक्रम का वातावरण जीवंत और प्रेरणादायक बन गया। इस आयोजन में देशभर के युवा प्रतिनिधियों ने मंच पर अपने विचार रखे और यह संदेश दिया कि नई पीढ़ी अब सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि देश की नीतियों और निर्णयों में भागीदार बनना चाहती है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री तरुण चौग, दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष श्री कपिल मिश्रा, और अन्य प्रमुख सामाजिक व राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं। सभी अतिथियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। अपने संबोधन में इन नेताओं ने युवाओं को जागरूक, संगठित और निडर होकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संदेश दिया।

श्री कपिल मिश्रा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश को ऐसे युवाओं की जरूरत है जो सिर्फ नौकरियों की तलाश में नहीं, बल्कि नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए तैयार हों। वहीं तरुण चौग ने युवाओं से आग्रह किया कि वे राजनीति से डरें नहीं, बल्कि उसमें सक्रिय होकर बदलाव का हिस्सा बनें।

इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि यह पूरी तरह से युवाओं द्वारा युवाओं के लिए आयोजित किया गया था। इस आयोजन को सफल बनाने में अभय शुक्ला और अभिषेक झा की प्रमुख भूमिका रही, जो ‘युवा इवेंट’ के संस्थापक हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में इस तरह के संवाद और शहरों में भी आयोजित किए जाएंगे ताकि हर युवा अपनी आवाज बुलंद कर सके।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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