उत्तर प्रदेश : राधाकुंड-श्यामकुंड में अहोई अष्टमी पर लाखों ने किया अर्धरात्रि स्नान, संतान प्राप्ति की कामना से उमड़े निःसंतान दंपती

Mathura News (सौरभ) : धार्मिक नगरी मथुरा के राधाकुंड में अहोई अष्टमी के पावन पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने, विशेषकर निःसंतान दंपतियों ने, पुण्य लाभ कमाने के लिए अर्धरात्रि स्नान किया। मान्यता है कि अहोई अष्टमी की मध्यरात्रि को राधाकुंड और श्यामकुंड में डुबकी लगाने से निःसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है।
निसंतान दम्पतियों के लिए विशेष महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी की रात राधाकुंड और श्यामकुंड में एक साथ स्नान करने से निःसंतान दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसी विश्वास के साथ हजारों की संख्या में दंपतियों ने ‘जय श्री राधे’ और ‘जय श्याम’ के जयकारों के साथ पवित्र कुंडों में डुबकी लगाई।
स्नान के बाद पूजा-अर्चना
स्नान के बाद कई दंपतियों ने राधाकुंड के तट पर स्थित राधा रानी के मंदिरों में मत्था टेका और पूजा-अर्चना की। इस दौरान राधाकुंड और श्यामकुंड के आसपास व्यापक व्यवस्था की गई थी, जिसमें पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई थी।
मनोकामना पूरी होने पर हाजिरी
इस वर्ष स्नान करने आए श्रद्धालुओं में केवल संतान प्राप्ति की कामना करने वाले ही नहीं थे, बल्कि कई ऐसे दंपती भी शामिल थे, जिनकी मनोकामना पिछले वर्षों में पूरी हो चुकी है। ये दंपती अपने बच्चों के साथ राधारानी के प्रति आभार व्यक्त करने और हाजिरी लगाने के लिए राधाकुंड पहुँचे थे।
सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन की व्यवस्था
सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन ने राधाकुंड और श्यामकुंड के आसपास व्यापक व्यवस्था की थी। पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती के बावजूद, कुंड के चारों ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जो देर रात तक जारी रही। इस स्नान के साथ ही अहोई अष्टमी का यह विशेष अनुष्ठान संपन्न हुआ, जिसने एक बार फिर राधाकुंड के आध्यात्मिक और चमत्कारी महत्व को रेखांकित किया।





