उत्तर प्रदेश : हापुड़ और बुलंदशहर में गंगा नदी का रौद्र रूप, कई गांव बाढ़ की चपेट में

Bulandshar/Hapur News (अवनीश त्यागी) : पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश और बिजनौर बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से मैदानी क्षेत्रों में गंगा नदी ने बाढ़ का रूप ले लिया है। हापुड़, बुलंदशहर, संभल और अमरोहा में बाढ़ के कारण हजारों बीघा फसल पानी में डूबी हुई है। गंगा किनारे बसे दर्जनों गांवों में बीते आठ दिनों से पानी भरा हुआ है, जिससे लोगों के रोजाना के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
बुलंदशहर में गंगा नदी में बहे चार मंदिर
रविवार को बुलंदशहर के सिद्ध बाबा गंगा घाट पर बने चार मंदिर और तीन धर्मशाला गंगा नदी के तेज बहाव में बह गए। बाढ़ में बहने वाले मंदिरों में गंगा मंदिर, जाहरवीर बाबा मंदिर, हनुमान मंदिर और गुरु गोरखनाथ बाबा का मंदिर शामिल हैं।
हापुड़ में 18 गांव बाढ़ की चपेट में
हापुड़ के कस्बा गढ़मुक्तेश्वर में मेला मार्ग पर पांच किलोमीटर तक गंगा नदी का पानी भरा हुआ है, जिससे लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के कई विद्यालयों में पानी भरा होने के कारण छात्र स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं। गांव चक लठीरा, गांव रामपुर, साकार पुर, गांव काकाठेर, गांव फरीदपुर, गांव लठीरा एहतमाली आदि गांवों में पानी भरा हुआ है।
जिलाधिकारियों की कार्रवाई
हापुड़, अमरोहा और बुलंदशहर के जिलाधिकारियों ने टीम बनाकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार भ्रमण कर रहे हैं। हापुड़ के जिलाधिकारी अभिषेक पांडे ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार भ्रमण किया जा रहा है और स्थिति पर निगरानी करने के लिए राजस्व और पुलिस टीमों को लगाया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण चौकी स्थापित की गई है।
बाढ़ की स्थिति गंभीर
बुलंदशहर के नरोरा स्थित चौधरी चरण सिंह गंगा बैराज पर गंगा लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हालांकि सोमवार को गंगा के जल स्तर में मामूली गिरावट देखने को मिली, लेकिन बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। सिद्ध बाबा गंगा घाट और अवंतिका देवी गंगा घाट पर गंगा किनारों से निकलकर खेतों और आबादी की तरफ रुख कर रही है। अंबेकेश्वर महादेव मंदिर के आसपास के खेतों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है।