उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: संसाधनों का अभाव लक्ष्य साधने में बड़ी अड़चन
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: संसाधनों का अभाव लक्ष्य साधने में बड़ी अड़चन
अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। शहर के निशानेबाजों को खेल संसाधनों का अभाव लक्ष्य साधने में सबसे बड़ी अड़चन है। वर्तमान में निवाड़ी में बना एकमात्र सरकारी शूटिंग रेंज लंबे समय से खराब स्थिति में है। इससे खिलाड़ियों को निजी एकेडमी का रुख करना पड़ता है। निजी एकेडमी में 25 और 50 मीटर पिस्टल राइफल के अभ्यास की सुविधा न होने से दिल्ली तक जाना पड़ रहा। जिला राइफल एसोसिएशन के प्रतिनिधि रहीश मलिक ने बताया कि मोदीनगर के निवाड़ी में सरकारी शूटिंग रेंज की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी। करीब 42 बीघा भूमि पर विकसित शूटिंग रेंज रखरखाव के अभाव में बदहाल हो चुका है। इससे यहां अभ्यास करना मुश्किल है। इस शूटिंग रेंज को संवारने के लिए योजना तो बनी, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका। इसकी वजह से शहर के निशानेबाजों को अभ्यास करने के लिए निजी शूटिंग एकेडमी जाना पड़ता है। इससे उन्हें काफी समस्या होती है।
खिलाड़ियों के मनोबल पर भी असर पड़ रहा
शहर के कई निशानेबाज बड़े स्तर की शूटिंग चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर लोहा मनवा रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें इस खेल को लेकर उपयुक्त संसाधन नहीं मिल रहे, जिससे खिलाड़ियों के मनोबल पर भी असर पड़ता है। शहर में खिलाड़ियों को अगर इस खेल को लेकर उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और संसाधन मिलने लगे तो कई खिलाड़ी उभर कर सामने आएंगे और इस खेल को लेकर युवाओं में रुचि भी बढ़ेगी।
दिल्ली और हरियाणा जाना पड़ रहा
खिलाड़ियों का कहना है कि निजी एकेडमी की फीस अधिक होती है। वहीं, निशानेबाजी महंगा खेल है। शहर में 12 से अधिक निजी शूटिंग एकेडमी मौजूद हैं। इनमें से किसी में भी 25 और 50 मीटर पिस्टल के अलावा राइफल के अभ्यास की सुविधा नहीं है। ऐसे में खिलाड़ियों को अभ्यास करने के लिए दिल्ली या हरियाणा जाना पड़ता है। इससे पैसा और समय दोनों अधिक लगता है।
असुविधा के बीच भी बेहतर प्रदर्शन
दिल्ली में जनवरी में आयोजित हुई 67वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में शहर के निशानेबाज पवन यादव ने अचूक निशाना साधते हुए एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता था। इसी प्रतियोगिता में विनीत ने सीनियर वर्ग में कांस्य पदक जीता था। असुविधा के बीच भी कई और खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।