
Agni 5: भारत ने ओडिशा से अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह 5,000 किमी से अधिक दूरी तक वार कर सकती है और चीन के उत्तरी इलाकों तक पहुंचने में सक्षम है।
ओडिशा से हुआ Agni 5 मिसाइल का सफल परीक्षण
भारत ने बुधवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से Agni 5 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह परीक्षण रणनीतिक बल कमान (SFC) की देखरेख में हुआ और सभी तकनीकी व संचालन मानकों पर खरा उतरा।
खास बात यह है कि Agni 5 मिसाइल 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक हमला करने में सक्षम है, यानी यह चीन के उत्तरी क्षेत्रों तक भी आसानी से पहुंच सकती है।
मिशन ‘दिव्यास्त्र’ के बाद दूसरा बड़ा परीक्षण
मार्च 2024 में अग्नि-5 को पहली बार MIRV तकनीक (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) के साथ मिशन दिव्यास्त्र के तहत टेस्ट किया गया था।
MIRV तकनीक का मतलब है –
एक ही मिसाइल में कई परमाणु हथियार लगाए जा सकते हैं, जो अलग-अलग गति और रास्तों से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्यों पर हमला कर सकते हैं।
हालांकि, MIRV से लैस अग्नि-5 को पूरी तरह ऑपरेशनल होने में अभी और परीक्षण बाकी हैं।
भारत के पास मौजूद मिसाइलें
वर्तमान में भारत की रणनीतिक बल कमान (SFC) के पास सिंगल-वारहेड मिसाइलें हैं, जिनमें शामिल हैं:
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पृथ्वी-2 (350 किमी)
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अग्नि-1 (700 किमी)
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अग्नि-2 (2,000 किमी)
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अग्नि-3 (3,000 किमी)
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और अब सबसे लंबी दूरी वाली अग्नि-5 (5,000 किमी+)
Agni 5 को खासतौर पर चीन की चुनौती को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है।
Agni 5 की खासियत
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यह तीन-स्टेज वाली, ठोस ईंधन से चलने वाली मिसाइल है।
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विशेष धातु से बने कंटेनर से लॉन्च की जा सकती है।
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मिसाइल हमेशा तैयार हालत में रहती है और किसी भी समय दागी जा सकती है।
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कंटेनर सिस्टम की वजह से इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
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रेल और सड़क मार्ग से कहीं भी ले जाई जा सकती है और अलग-अलग स्थानों से दागी जा सकती है।
भारत का यह सफल परीक्षण न केवल उसकी रक्षा क्षमता को मजबूत करता है, बल्कि यह दुनिया को यह संदेश भी देता है कि भारत अपनी रणनीतिक ताकत को लगातार आधुनिक बना रहा है।
Agni 5 मिसाइल भारत की परमाणु नीति और सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा है।