उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: नए साल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: नए साल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी
अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद।नए साल में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी। डॉक्टरों को अदालत में गवाही पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के लिए सीएमओ कार्यालय में एनआईसी रूम तैयार हो गया है।
जिले में एमएमजी अस्पताल, संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल, महिला अस्पताल समेत 50 बेड का लोनी, मुरादनगर, मोदीनगर, लोनी, डासना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मेडिको लीगल किए जाते हैं। इसके अलावा गैर जिलों से तबादला होकर आए डॉक्टर की भी जिले में तैनाती है। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को अक्सर आपराधिक मामलों में अपने बयान दर्ज कराने के लिए अदालत जाना पड़ता है। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिला अस्पतालों से ही प्रतिदिन दो से तीन डॉक्टर अदालत में गवाही के लिए जाते हैं। डॉक्टरों के मुताबित कभी-कभी अदालतों में उन्हें दो-दो घंटे गवाही के लिए इंतजार करना पड़ता है। इसकी वजह से मरीजों की ओपीडी प्रभावित होती है और अस्पताल में डॉक्टर न होने से मरीज को काफी परेशान होना पड़ता है। इसको देखते हुए सीएमओ दफ्तर में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग रूम तैयार किया गया है। इसमें इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा शुरू कर दी गई है। कंप्यूटर के साथ एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है। विभाग ने इसे एनआईसी रूम नाम दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि इसी महीने से एनआईसी रूम में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अदालत में गवाही शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए जिला अदालत को पत्र भेजकर सूचना दी जा रही है। ताकि अदलातों में वीसी से गवाही शुरू हो सके।