उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: डीएम गाजियाबाद इन्द्र विक्रम सिंह की हुई विदाई, समारोह में “नो पेंडेंसी” का दे गए मंत्र
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: डीएम गाजियाबाद इन्द्र विक्रम सिंह की हुई विदाई, समारोह में “नो पेंडेंसी” का दे गए मंत्र

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। योगी सरकार ने आईएएस अधिकारियों के तबादले की सूची देर रात ही जारी कर दी थी, आज आईएएस अधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह का बतौर डीएम आखिरी कार्य दिवस था, लेकिन आज भी उनका कार्य दिवस अन्य दिनों की भांति जन सुनवाई से शुरू हुआ। जन सुनवाई के दौरान आई शिकायतों का निस्तारण किया। कुछ शिकायतें निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को फॉरवर्ड की गईं। शासन ने इन्द्र विक्रम सिंह को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में निदेशक के पद पर नियुक्त किया है। यह जानकारी पाकर तमाम लोग उन्हें बधाई देने पहुंचे थे। दरअसल प्रमोशन पाने के बाद इन्द्र विक्रम सिंह का तबादला होना ही था। उनके स्थान में डीएम मेरठ दीपक मीणा को डीएम गाजियाबाद बनाया गया है।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट कर्मचारियों द्वारा जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह का विदाई समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने विचार रखे और डीएम इंद्र विक्रम सिंह के साथ काम करने का अनुभव शेयर किया। एडीएम सिटी गम्भीर सिंह ने कहा कि मैंने अपने कार्यकाल में अनेक चुनाव कराये हैं और बहुत कुछ सीखा है, लेकिन जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अगुवाई में हुए लोकसभा व विधानसभा उप-चुनाव में कार्यों को सहज ढंग से करने के नये तरीके सीखने को मिले। एडीएम (एफआर) सौरभ भट्ट ने कहा कि जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह के साथ काम करके प्रशासनिक कार्य करने के तरीके में बेहतर सुधार आए हैं। एडीएम ई रणविजय सिंह ने कहा कि हर अधिकारी में कार्य करने की अपनी एक कला होती है। उसी प्रकार जिलाधिकारी सभी कार्यों को बारीकी से देखते हैं और कार्य करते हैं। जिलाधिकारी द्वारा अधिकारी/कर्मचारियों को कार्य में बहुत सहयोग प्रदान किया गया है।
बोले- गांठ बांध लें, “नो पेंडेंसी”
इस मौके पर जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि हमें अपने कार्यों के प्रति पूरी ईमानदारी और कर्त्तव्यनिष्ठा के साथ पूरा करना चाहिए। हमें सर्वप्रथम अपने स्तर पर कोई भी कार्य लंबित नहीं रखना है। यही मंत्र हमारी सफलता की कुंजी है। “नो पेंडेंसी” को गांठ बांध लें, जीवन में कभी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह भी ध्यान रखें कि यदि हमारे अधीनस्थ अधिकारी या कर्मचारियों को कार्य करने में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न हो रही है तो हमें उस बाधा का निराकरण करना है। उन्हें प्रेम से या डांटकर समझायें, क्योंकि आपकी इस डाट के आने वाले समय में अच्छे परिणाम आयेंगे, जो उस अधिकारी/कर्मचारी के लिए ही लाभप्रद सिद्ध होंगे। विदाई समारोह का संचालन नाजिर प्रमोद द्वारा किया गया।
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