तालाबों का सौंदर्यीकरण कर विद्युत कनेक्शन दें: मत्स्य मंत्री
तालाबों का सौंदर्यीकरण कर विद्युत कनेक्शन दें: मत्स्य मंत्री
अमर सैनी
नोएडा। प्रदेश के मत्स्य मंत्री डॉ़ संजय कुमार निषाद ने कहा कि मछुआ समुदाय के कल्याण के लिए जो भी योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं, उनका लाभ सभी पात्र लोगों को मिले। इसके लिए अभियान चलाया जाए। वहीं, तालाबों का सौंदर्यीकरण कर बिजली का कनेक्शन दिया जाए।
मंत्री निषाद ने शुक्रवार सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में मत्स्य विभाग के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को योजना के संबंध में दिशा निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने आश्वस्त किया कि मत्स्य विभाग के विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। कैबिनेट मंत्री ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि अभियान चलाकर योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करें। विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और साथ ही साथ योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी सुनिश्चित कराया जाए। मंत्री ने तालाबों के सौंदर्यीकरण के निर्देश दिए। साथ ही विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मत्स्य पालकों के लिए विद्युत विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का पात्र व्यक्तियों तक लाभ पहुंचाया जाए। तालाबों के लिए विद्युत कनेक्शन दिए जाए और साथ ही साथ पर्याप्त मात्रा में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। नलकूप विभाग को पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति हेतु निर्देशित किया। जिला मत्स्य अधिकारी आशीष कुमार मौर्य ने विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, निषाद राज बोट सब्सिडी योजना, मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना, सघन मत्स्य पालन हेतु एयरेशन सिस्टम की स्थापना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, सामूहिक मछुआ दुर्घटना बीमा, ग्राम सभा के तालाबों का 10 वर्षीय पट्टा आदि योजनाओं की वर्तमान तक की प्रगति रिपोर्ट से मंत्री को अवगत कराया। जिले की प्रगति रिपोर्ट पर संतोष प्रकट किया है। बैठक में सीडीओ जनार्दन सिंह, उपनिदेशक मत्स्य नियोजन मुख्यालय एजाज अहमद नकवी, उपनिदेशक मत्स्य मेरठ मंडल मेरठ सुचिता गुप्ता, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, अधिशासी अभियंता खंड गंगानगर, अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग आदि अधिकारी उपस्थित रहे।
जिले में थाई मांगुर मछली की बिक्री प्रतिबंधित रहे
समीक्षा बैठक में मंत्री ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में थाई मांगुर मछली की बिक्री प्रतिबंधित रहे। थाई मांगुर मछली को भारत में प्रतिबंधित किया गया है क्योंकि थाई मांगुर मछली मांस खाती है, जिससे इसका शरीर तेजी से बढ़ता है। इसमें आयरन और लेड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। यह मछली गंदे पानी में रहती है और सड़ा-गला मांस खाती है। इस मछली के खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं। यह मछली दूसरी मछलियों को भी अपना शिकार बनाती है। यह मछली जिस तालाब या जलाशय में रहती है, वहां दूसरी प्रजाति की कोई भी मछली या कीड़े-मकोड़े नहीं बचते। थाई मांगुर मछली का वैज्ञानिक नाम क्लेरियस गेरीपाइंस है।