भारत

स्वदेशी तकनीक से हो रहा आईसीजी का आधुनिकीकरण

-नेक्स्ट-जनरेशन ऑफशोर पेट्रोल वेसल प्रोजेक्ट की शुरुआत

 

नई दिल्ली, 31 मई : आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने शुक्रवार को मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में पहले नेक्स्ट-जेनेरेशन ऑफशोर पेट्रोल वेसल (एनजीओपीवी) के लिए स्टील कटिंग सेरेमनी आयोजित की। करीब 1614 करोड़ रुपये की लागत वाली स्वदेशी एनजीओपीवी परियोजना का उद्देश्य तटीय और अपतटीय गश्त के साथ समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा और परिचालन दक्षता में वृद्धि करना है।

इस एनजीओपीवी को भारत की समुद्री सुरक्षा की उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अत्याधुनिक मशीनरी और उपकरणों से लैस हैं । दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित, ये जहाज 23 नॉट की अधिकतम निरंतर गति प्राप्त करने और 5000 समुद्री मील तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं। इसके अलावा एकीकृत ट्विन-इंजन हेलीकॉप्टर सुविधाओं और भारी हेलीकॉप्टरों के लिए मंच उपलब्ध है, जो तेज और प्रभावी हवाई निगरानी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को सक्षम करते हैं। यह जहाज बहुउद्देशीय ड्रोन, एआई क्षमताओं और वायरलेस रूप से नियंत्रित रिमोट वाटर रेस्क्यू क्राफ्ट जैसी उन्नत सुविधाओं से लैस है।

क्या होती है स्टील कटिंग सेरेमनी
जब पानी के जहाज के निर्माण चरण की शुरुआत करने के लिए स्टील की पहली प्लेटें काटी जाती हैं, तो यह जश्न मनाने का कारण होता है। यह दर्शाता है कि वर्षों की योजना के बाद, जहाज का निर्माण आखिरकार शुरू हो गया है। स्टील काटने के समारोह में आमतौर पर क्रूज लाइन और शिपयार्ड के अधिकारी एक साथ आते हैं – बिल्कुल वैसे ही जैसे किसी नई इमारत के निर्माण की शुरुआत होने पर शिलान्यास समारोह होता है।

 

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