नई दिल्ली, 14 अगस्त: डेंगू के आतंक से पीड़ित दुनिया के 30 देशों को जल्द ही डेंगू वायरल से मुक्ति मिलने का रास्ता साफ होने जा रहा है, जिसकी बानगी भारत में विकसित डेंगू वैक्सीन ‘डेंगीऑल’ के क्लिनिकल ट्रायल की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है। इस आशय की जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को दी।
दरअसल, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पैनेसिया बायोटेक ने भारत में डेंगू वैक्सीन के लिए चरण 3 क्लिनिकल ट्रायल की शुरुआत की घोषणा कर दी है। यह ऐतिहासिक परीक्षण पैनेसिया बायोटेक द्वारा विकसित भारत की स्वदेशी टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन, डेंगीऑल की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करेगा। इस परीक्षण में पहले प्रतिभागी को आज पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, रोहतक में टीका लगाया गया।
इस उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा, “भारत के पहले स्वदेशी डेंगू वैक्सीन के लिए इस चरण 3 नैदानिक परीक्षण की शुरुआत डेंगू के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। यह हमारे नागरिकों को इस व्यापक बीमारी से बचाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और वैक्सीन अनुसंधान और विकास में भारत की क्षमताओं को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा, वर्तमान में भारत में डेंगू के खिलाफ कोई एंटीवायरल उपचार या लाइसेंस प्राप्त वैक्सीन नहीं है। सभी चार सीरोटाइप के लिए अच्छी प्रभावकारिता प्राप्त करने की आवश्यकता के कारण एक प्रभावी वैक्सीन का विकास जटिल है। भारत में, डेंगू वायरस के सभी चार सीरोटाइप कई क्षेत्रों में प्रसारित या सह-प्रसारित होते हैं।
18 राज्यों में होगा वैक्सीन का ट्रायल
आईसीएमआर के सहयोग से, पैनेसिया बायोटेक भारत के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 19 साइटों पर चरण 3 क्लिनिकल परीक्षण करेगा, जिसमें 10,335 से अधिक स्वस्थ वयस्क प्रतिभागी शामिल होंगे। परीक्षण, मुख्य रूप से आईसीएमआर द्वारा वित्त पोषित और पैनेसिया बायोटेक के आंशिक समर्थन के साथ, दो साल तक प्रतिभागियों के साथ अनुवर्ती कार्रवाई करने के लिए निर्धारित है। भारतीय वैक्सीन फॉर्मूलेशन के चरण 1 और 2 क्लिनिकल परीक्षण 2018-19 में पूरे हो चुके हैं , जिससे आशाजनक परिणाम मिले हैं।
यूएसए विकसित कर चुका डेंगू वैक्सीन
टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन स्ट्रेन, जिसे मूल रूप से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, यूएसए द्वारा विकसित किया गया था, ने दुनिया भर में प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल परीक्षणों में आशाजनक परिणाम दिखाए हैं। स्ट्रेन प्राप्त करने वाली तीन भारतीय कंपनियों में से एक, पैनेसिया बायोटेक, विकास के सबसे उन्नत चरण में है। कंपनी ने एक पूर्ण विकसित वैक्सीन फॉर्मूलेशन विकसित करने के लिए इन स्ट्रेन पर बड़े पैमाने पर काम किया है और इस काम के लिए एक प्रक्रिया पेटेंट रखती है।