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सियाचिन में तैनात सैनिकों को ताजा सब्जियां प्रदान कर रही है सेना की अनूठी प्रणाली

- ट्रेकर्स ने दूरदराज के इलाकों में हरित पहल के लिए भारतीय सेना की प्रशंसा की

नई दिल्ली, 14 अगस्त : हाल ही में उत्साही ट्रेकर्स के एक समूह ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में तैनात भारतीय सैनिकों के साथ 78वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। इस दौरान ट्रेकर्स ने सियाचिन में सेना की अग्रणी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को देखा जिसके तहत अत्यधिक ठंड और ऊंचाई वाले कठोर क्षेत्र में अपशिष्ट को प्रभावी ढंग से संसाधित करने और प्रबंधित करने के अभिनव तरीके विकसित किए गए हैं।

दरअसल, भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में से एक के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है। जिसके तहत नई पहलों को अंजाम दिया जा रहा है। इस पहल में रसोई के कचरे को खाद में बदलना और ग्लेशियर के बर्फीले विस्तार के बीच हरे-भरे पैच में सब्जियां उगाना शामिल हैं। यह पहल अपशिष्ट को कम करती है और वहां तैनात सैनिकों को ताज़ा उपज प्रदान करती है, जिससे ऐसे एकांत स्थान पर उनके जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होता है।

सेना के मुताबिक सियाचिन पहुंचे ट्रेकर्स में कर्नाटक पर्वतारोहण संघ और भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन के पर्वतारोही शामिल थे। जो भारतीय सेना और ऑक्सबो एक्सप्लोर द्वारा समर्थित ट्रेक पर पर्यटन को बढ़ावा देने की एक व्यापक पहल का हिस्सा थे। यह अपनी तरह का पहला अभियान था जिसमें शामिल 21 से 71 वर्ष की आयु के प्रतिभागियों को यह देखने का अनूठा मौका मिला कि सेना किस तरह पर्यावरण संरक्षण के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ अपनी महत्वपूर्ण सुरक्षा भूमिका को संतुलित कर रही है।

प्लास्टिक कचरे से जैकेट तैयार
भारतीय सेना ने प्लास्टिक कचरे को रीसाइक्लिंग के लिए सियाचिन से तमिलनाडु ले जाने के प्रयास शुरू किए हैं, जो कभी अपशिष्ट उत्पाद था उसे जैकेट जैसी उपयोगी सामग्री में बदल दिया है। यह पहल सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी पर्यावरण संरक्षण के लिए सेना के अभिनव दृष्टिकोण को दर्शाती है।

पवन और ईंधन सेल-आधारित जनरेटर
भारतीय सेना सस्टेनेबल विकल्पों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और सौर ऊर्जा संयंत्रों, पवन और ईंधन सेल-आधारित जनरेटर को अपना रही है, जिससे कार्बन में काफी कमी आई है। ट्रेकर्स ने देखा कि भारतीय सेना ग्लेशियरों से कचरे को वापस लाने के लिए हेलीकॉप्टरों और ज़ांस्कर पोनीज़ की वापसी उड़ानों का उपयोग कर रही है, जिससे ग्लेशियरों को संरक्षित रखने में बहुत योगदान मिल रहा है।

परतापुर बना सर्वश्रेष्ठ सैन्य स्टेशन
भारतीय सेना और परतापुर में नागरिक प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए हाथ मिलाया है कि क्षेत्र में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखा जाए। नतीजतन, परतापुर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वश्रेष्ठ सैन्य स्टेशन के रूप में चुना गया।इसके अलावा, हाल ही में सियाचिन में बुनियादी ढांचे में 12 शिला शेल्टर, 25 हाइब्रिड सौर पवन ऊर्जा परियोजनाएं और पांच हाइड्रोजन आधारित ईंधन सेल जनरेटर जैसी विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाएं जोड़ी गई हैं।

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