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सुपरटेक मामले में एनबीसीसी के प्रस्ताव पर सुनवाई टली

सुपरटेक मामले में एनबीसीसी के प्रस्ताव पर सुनवाई टली

अमर सैनी

नोएडा। सुपरटेक के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने के एनबीसीसी के प्रस्ताव पर गुरुवार को एनसीएलएटी में सुनवाई नहीं हो सकी। इसके लिए अगली तारीख 19 सितंबर तय की गई है। इसके बाद तय होगा कि इन प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को मिलेगी या नहीं। कुछ अन्य कंपनियों ने भी इन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए प्रस्ताव तैयार किए हैं। सुपरटेक के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए लंबे समय से जद्दोजहद चल रही है, लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है।

फ्लैट आवंटियों की मांग पर एनसीएलएटी ने एनबीसीसी को छह सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था कि वह सुपरटेक समूह के किन प्रोजेक्ट को पूरा करने को इच्छुक है और उन्हें कैसे पूरा करेगी। इस पर एनबीसीसी ने छह सितंबर की देर शाम एनसीएलएटी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। प्रोजेक्ट के नाम बताते हुए उसने तीन चरणों में काम करने की बात कही थी। इस प्रस्ताव पर गुरुवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन यह सुनवाई नहीं हो सकी। अब 19 तारीख को होने वाली सुनवाई में इस पर चर्चा होगी। एनबीसीसी के प्रस्ताव को लेकर आईआरपी ने एनसीएलएटी में अपनी रिपोर्ट भी दे दी है। एनबीसीसी के अलावा कुछ अन्य कंपनियों ने भी प्रस्ताव तैयार कर कोर्ट को सौंपे हैं, जो प्रोजेक्टवार हैं और यह कंपनी इन प्रोजेक्ट को पूरा करने का दावा भी कर रही है। इन प्रस्तावों पर अंतिम फैसला कोर्ट के आदेश से ही होगा।

ये था एनबीसीसी का प्रस्ताव
एनबीसीसी ने सुपरटेक के अधूरे प्रोजेक्ट को तीन चरणों में पूरा करने का प्रस्ताव तैयार किया है। पहले चरण में नोएडा के रोमानो, केपटाउन, इकोसिटी और ग्रेटर नोएडा के इकोविलेज-2, सीजर, इको विलेज-3, स्पोर्ट्स विलेज समेत सात प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है। दूसरे चरण में नोएडा का नॉर्थ आई, ग्रेटर नोएडा का अपकंट्री, इको विलेज-1 और मेरठ का स्पोर्ट्स सिटी, ग्रीन विलेज मेरठ शामिल हैं। तीसरे चरण में गुरुग्राम का हालटाउन, आराविले, उत्तराखंड का रिवरक्रेस्ट, दून स्क्वायर और बेंगलुरु का मिकासा शामिल हैं।

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