
नई दिल्ली, 7 मार्च : नौसेना भविष्य में संभावित युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है। इसकी पुष्टि भारतीय नौसेना के सबसे बड़े युद्धाभ्यास ‘कैपस्टोन थिएटर लेवल ऑपरेशनल एक्सरसाइज’ (ट्रोपेक्स) से हुई है। जिसके तहत लक्ष्य पर आयुध की सटीक डिलीवरी, साइबर व इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और एक सामरिक चरण का सफल संचालन किया गया।
यह अभ्यास प्रत्येक दो वर्ष में नौसेना की क्षमता का आकलन करने के लिए अरब सागर से लेकर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में आयोजित किया जाता है। जिसका समापन शुक्रवार को हो गया। इस अभ्यास में थल सेना और वायु सेना के साथ भारतीय तटरक्षक बल के सैनिक भाग लेते हैं। करीब तीन महीने पहले यानि जनवरी माह में शुरू हुए ट्रोपेक्स अभ्यास का उद्देश्य समुद्र में राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए समन्वित और एकीकृत तरीके से विविध चुनौतियों का जवाब देने में नौसेना की क्षमता का मूल्यांकन करना था।
इस दौरान भारतीय नौसेना के 65-70 जहाजों, 9-10 पनडुब्बियों और 80 से अधिक विमानों ने अरब सागर और हिंद महासागर सहित बंगाल की खाड़ी तक अभ्यास किया। इस अभ्यास ने अन्य सेवाओं के साथ थिएटर स्तर के परिदृश्यों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में बहुत उच्च स्तर का तालमेल क्षमता को हासिल करने में सफलता प्राप्त की। अभ्यास में सुखोई-30, जगुआर, सी-130, फ्लाइट रिफ्यूलर और अवाक्स विमान, 600 से अधिक पैदल सेना के सैनिक और 10 से अधिक आईसीजी जहाज भी शामिल थे।