शजर पत्थर ने हस्तशिल्पकारों की बदली किस्मत
शजर पत्थर ने हस्तशिल्पकारों की बदली किस्मत
अमर सैनी
नोएडा। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की केन नदी में पाए जाने वाले शजर पत्थर ने हस्तशिल्पकारों की किस्मत बदल दी है। सरकार ने इसे ओडीओपी में शामिल कर रोजगार के अवसर के द्वार खोल दिए हैं। ग्रेटर नोएडा की चर्चित एसडीएम और बांदा की डीएम रहीं दुर्गा शक्ति नागपाल ने शजर पत्थर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। शजर पत्थर से आभूषण और सजावटी सामान बनाए जाते हैं। इनकी देश के अलावा विदेशों तक काफी मांग बढ़ रही है।
ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट सेंटर में चल रहे ट्रेड शो में बांदा जिले के हस्तशिल्पकारों ने अपना एक स्टॉल लगाया है। यहां शजर पत्थर से बने आभूषण और सजावटी सामान प्रदर्शित किए हैं। बांदा के रहने वाले द्वारिका प्रसाद सोनी ने बताया कि वह शजर पत्थर का काम करते हैं। यह पत्थर बांदा जिले में स्थित केन नदी में पाया जाता है। इस पत्थर पर काम करने की कला लगभग खत्म हो चुकी थी, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस कला को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद से हस्तशिल्पकारों की किस्मत बदल गई। रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। बांदा में इससे पहले महज चार कारखाने बचे थे, आज फिर से करीब 40 कारखाने शुरू हो गए हैं। केन नदी में मिलने वाले यह दुर्लभ पत्थर बेहद खूबसूरत होते हैं जो अपने भीतर दिखने वाली प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर हैं। हर एक पत्थर में अलग-अलग चित्रकारी है। मशीन से तराशने के बाद शजर पत्थर में झाडियां, पेड़-पौधे और नदी की जलधारा के चमकदार रंगीन चित्र उभरते हैं। इन पत्थरों का इस्तेमाल आभूषण और सजावटी सामान के लिए किया जाता है।
शजर पत्थर को दिलाई राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
बांदा के शजर पत्थर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। शजर पत्थर ओडीओपी होने के साथ साथ जीआई टएगेड भी है। बुंदेलखंड का बांदा जिला अति पिछड़ा इलाका है, जहां खनन संपदा के अलावा और कुछ नहीं है। यह पानी की समस्या से हमेशा जूझता रहा है। ग्रेटर नोएडा की चर्चित एसडीएम रहीं दुर्गा शक्ति नागपाल ने बांदा में कदम रखते ही जिले को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इनमें से एक शजर पत्थर का व्यवसाय भी है, जो बांदा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस पत्थर को रानी विक्टोरिया ने भी अपने गले में धारण किया था। इस पत्थर का इस्तेमाल राम मंदिर में भी किया गया है। इसे बढ़ावा देने के लिए बांदा की तत्कालीन जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने कई कदम उठाए और सोशल मीडिया के माध्यम से जनता को इस पत्थर के बारे में जानकारी देते हुए इसे खरीदने की अपील भी की थी जो खूब वायरल हुआ था। बांदा जिला प्रशासन को शजर पत्थर को प्रोत्साहन देने के लिए सम्मानित किया गया था।