सीएम योगी का ऐलान, नोएडा को ‘डायनमिक सिटी’ के तौर पर विकसित किया जाएगा
सीएम योगी का ऐलान, नोएडा को 'डायनमिक सिटी' के तौर पर विकसित किया जाएगा
अमर सैनी
नोएडा। नोएडा क्षेत्र की सूरत बदलने के लिए विस्तृत रूपरेखा पर काम शुरू हो गया है। सीएम योगी का विजन है कि नोएडा को एक डायनेमिक सिटी के तौर पर पहचाना जाए। शहर की ब्रांडिंग न सिर्फ औद्योगिक शहर के तौर पर बल्कि उन्नत शहरी सुविधाओं वाले आधुनिक शहर के तौर पर भी मजबूत हो। इसी क्रम में नोएडा में एक सांस्कृतिक स्थान की पहचान की जाएगी। इसे बढ़ाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।इसके लिए प्राधिकरण ने नॉलेज पार्टनर के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। टास्क फोर्स में प्राधिकरण और जिला स्तर के विभिन्न अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा और यह टास्क फोर्स विभिन्न परियोजनाओं पर चल रहे कार्यों की प्रगति रिपोर्ट, निगरानी, विवरण संकलित कर डाटा बेस तैयार करेगी। इसमें निवेश के अवसर तलाशने, पर्यटन को बढ़ावा देने और क्षेत्र की रचनात्मकता बढ़ाने जैसे कार्य पूरे किए जाएंगे।
नोएडा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का एक महत्वपूर्ण शहर है। यह प्रदेश की शो विंडो होने के साथ-साथ वैश्विक व्यापार को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। अपनी कई खूबियों के बावजूद नोएडा को उभरते शहरों या ‘नियोजित शहरों’ से जुड़ी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इसकी चुनौतियों को दूर कर इसे जीवंत, आत्मनिर्भर और रहने योग्य शहरी समुदाय के रूप में ब्रांड किया जाएगा, जिसका फोकस जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने पर होगा। नोएडा की ब्रांडिंग सिर्फ औद्योगिक शहर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि नोएडा की ब्रांडिंग एक गतिशील शहर के रूप में की जाएगी। यहां की युवा पीढ़ी के हिसाब से आधुनिक सुविधाओं वाले शहर पर फोकस किया जाएगा। यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जगहें विकसित की जाएंगी। सेल्फी प्वाइंट विकसित करने, इन जगहों को चिह्नित करने, वहां जरूरी विकास और निर्माण कार्य को गति देने और इसकी ब्रांडिंग पर फोकस किया जाएगा। सीएम योगी के विजन के मुताबिक टास्क फोर्स एक एकीकृत विंग के रूप में काम करेगी। इसके द्वारा नोएडा की ब्रांडिंग के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। जिसे कार्ययोजना नाम दिया जाएगा। यह शहर के विजन को समझेगी और गर्व करने वाले स्थानों की पहचान करेगी। विभिन्न स्तरों पर उन्हें बढ़ावा देने जैसी गतिविधियों को पूरा करने का काम करेगी। इसे एकीकृत रणनीति के तौर पर प्राधिकरण और जिला प्रशासन के साथ साझा किया जाएगा, जिसके बाद क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू होगी।