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संचारी रोगों से निपटने की तैयारी, टीमें घर-घर जाकर करेंगी जागरूक

संचारी रोगों से निपटने की तैयारी, टीमें घर-घर जाकर करेंगी जागरूक

अमर सैनी

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण ने मंगलवार को क्षेत्र में संचारी रोगों के रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक व्यापक रणनीति की घोषणा की है। प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम. के निर्देशानुसार, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एस.के.) की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णयों में से सबसे महत्वपूर्ण है अगस्त 2024 से एक 40 सदस्यीय रैपिड रेस्पांस टीम (RRT) का गठन, जो मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला मलेरिया अधिकारी के नेतृत्व में काम करेगी। यह टीम न केवल संचारी रोगों के नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करेगी, बल्कि सभी सेक्टरों और गांवों में जागरूकता कार्यक्रम भी संचालित करेगी। प्राधिकरण ने ‘सोर्स रिडक्शन’ पर विशेष जोर दिया है। RRT के सदस्य घर-घर जाकर सर्वेक्षण करेंगे और लोगों को पानी की टंकी की सफाई, कूलरों की सफाई, और घरों के आस-पास पानी जमा न होने देने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जागरूक करेंगे।नोएडा वन ऐप का उपयोग करते हुए गैर-सरकारी संगठनों की मदद से जल जमाव वाले क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। इसके अलावा पैम्फलेट, बैनर और वीडियो के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जाएगा। शहर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए सभी नालों, नालियों की सफाई और घास की कटाई के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में एक सप्ताह का विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें सभी नालियों और खाली भूखंडों की सफाई की जाएगी। साथ ही, नोएडा क्षेत्र के सभी तालाबों की सूची तैयार करने और उनके आसपास की सफाई पर भी ध्यान दिया जाएगा।

विशेष वार्ड होगी स्थापित

गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों और संचारी रोगों से अधिक प्रभावित इलाकों में मच्छरदानी वितरण की योजना भी है। जन जागरूकता बढ़ाने के लिए, नोएडा के मुख्य मार्गों पर स्थापित बड़ी स्क्रीन पर वीडियो प्रसारण और डोर-टू-डोर वाहनों पर ऑडियो संदेश चलाए जाएंगे। साथ ही, विभिन्न सेक्टरों के RWA, AOA और ग्राम समितियों के साथ मिलकर निगरानी समितियां गठित की जाएंगी। स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए सभी अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के लिए विशेष वार्ड स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर लार्वा निरीक्षण बढ़ाने और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के प्रावधान भी किए गए हैं।

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