नई दिल्ली, 12 अगस्त : बांग्लादेश में हाल की राजनीतिक घटनाओं के चलते भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) बल ने अपने समुद्री क्षेत्र की मजबूत निगरानी शुरू कर दी है। इसके लिए परिचालन इकाइयों को उपयुक्त रूप से तैनात किया गया है ताकि समुद्री मार्गों के माध्यम से अवैध प्रवास के किसी भी प्रयास को विफल किया जा सके।
आईसीजी के मुताबिक अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) और तीव्र गश्ती जहाजों (एफपीवी) द्वारा भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा या आईएमबीएल के साथ सतही निगरानी बढ़ा दी गई है। अतिरिक्त एफपीवी द्वारा स्तरित सतही निगरानी स्थापित की गई है। समुद्र में सभी इकाइयों को सभी मछली पकड़ने वाली नौकाओं की निगरानी करने या उन पर सवार होने और भारतीय मछुआरों की सकारात्मक पहचान करने की सलाह दी गई है।
आईएमबीएल के साथ तटरक्षक विमानों द्वारा कोलकाता और भुवनेश्वर से समुद्री वायु समन्वित हवाई निगरानी को विशेष रूप से सुबह और शाम के समय बढ़ाया गया है ताकि किसी भी तरह के संपर्क का पता लगाया जा सके। यदि किसी विध्वंसक गतिविधि की सूचना मिलती है, तो तत्काल तैनाती या प्रतिक्रिया के लिए पारादीप और हल्दिया में अतिरिक्त संपत्ति भी स्टैंडबाय पर रखी गई है। सभी नजदीकी तटवर्ती स्थानांतरण संपर्कों के लिए इलेक्ट्रॉनिक निगरानी तुरंत बनाए रखी गई है और उनसे पूछताछ की गई है।
संभावित घुसपैठ या लैंडिंग बिंदुओं के माध्यम से किसी भी प्रवेश को रोकने के लिए एजेंसियों और हितधारकों के साथ आवश्यक समन्वय बनाए रखा गया है। अब तक समुद्री मोर्चे पर घुसपैठ या ऐसी किसी भी गतिविधि की कोई घटना सामने नहीं आई है। स्थिति में सुधार और स्थिरता आने तक क्षेत्र में उन्नत निगरानी उपायों को बनाए रखा जाएगा।