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सब इंस्पेक्टर ने साथियों के साथ मिलकर कैब चालक से छीने 7 हजार रुपये

सब इंस्पेक्टर ने साथियों के साथ मिलकर कैब चालक से छीने 7 हजार रुपये

अमर सैनी

नोएडा। थाना बिसरख पुलिस लगातार विवादों में घिरी है। लेकिन जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। इस बार एक सब इंस्पेक्टर ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक कैब चालक से करीब 7 हजार रुपये छीन लिए। आरोप है कि इस दौरान पीड़ित चालक से आरोपियों ने मारपीट की भी। घटना के समय पीड़ित चालक एक महिला को छोड़ने के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट आया था। इस पूरी घटना के दौरान महिला भी मौके पर मौजूद थी।

बागपत के बड़ौत निवासी राकेश तोमर कैब चलाते हैं। वह 2 अगस्त की रात करीब एक बजे दिल्ली के पंचशील विहार से एक महिला यात्री को छोड़ने के लिए 11वीं एवेन्यू स्थित गौर सिटी आए थे। उनका आरोप है कि दो कारों में सवार पांच लोग उनके पास आए। उन्होंने उन्हें नीचे उतार दिया और अभद्र व्यवहार किया। इनमें से एक पुलिस की वर्दी में था। वह लोग उन्हें और महिला सवारी को अपनी गाड़ी में बैठाकर सुनसान स्थान पर ले गए। उनके साथ मारपीट करके सात हजार रुपये छीन लिए। खर्चे का पैसा नहीं होने की बात करने पर पांच सौ रुपये वापस देकर भगा दिया। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में इसकी शिकायत की।

गौर सिटी चौकी इंचार्ज ने समझौते का बनाया दबाव
मौके पर पहुंची ने पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी। पता चला कि वर्दी पहने पुलिसकर्मी गौर सिटी एक पर तैनात दारोगा है। अन्य अज्ञात व्यक्ति हैं। उन्होंने पुलिस चौकी पहुंचकर लिखित शिकायत दी।उनका आरोप है कि चौकी प्रभारी ने उस सब इंस्पेक्टर को बुलाकर पहचान करवाई, लेकिन उसका नाम नहीं बताया। सात हजार रुपये वापस कराकर समझौता करने को कहा, लेकिन वह ऐसा करने को तैयार नहीं हुए। मंगलवार को उन्होंने पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी।

दारोगा को बचाता रहा चौकी प्रभारी
राकेश तोमर का आरोप है कि चौकी प्रभारी ने सब इंस्पेक्टर को बचाते हुए उसके साथ शामिल अन्य चारों अज्ञात व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए सब इंस्पेक्टर का नाम शिकायत से वापस लेने को कहा। वह नहीं तैयार हुए तो तीन दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की।

रक्षक बन गए भक्षक, अधिकारियों ने साधी चुप्पी
राकेश तोमर का आरोप है कि घटना से महिला सवारी बहुत डर गई। उन्होंने कहा कि वारदात में दारोगा का शामिल होना बहुत ही गंभीर है। पुलिस को रक्षक माना जाता है, यदि वही भक्षक बन जाएगी, तो लोगों की बदमाशों से रक्षा कौन करेगा। मामले में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, फिलहाल इस मामले में पुलिस के आला अधिकारियों की तरफ कोई बयान नहीं आया है।

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