अमर सैनी
नोएडा। रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है और शहर के बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है। बहनें अपने भाइयों के लिए राखियां खरीद रही हैं। वहीं, इस बार राखियों के दाम में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। ऐसे में सेक्टर-18 मार्केट, अट्टा मार्केट, इंद्रा मार्केट, सेक्टर 12-22 समेत शहर के विभिन्न बाजारों में राखियों की दुकानें सजने लगी हैं। बाजार में दस रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक की राखियां मौजूद हैं। जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहा है, इन दुकानों पर लोगों की भीड़ भी बढ़ने लगी है।
सेक्टर-18 के दुकानदार रजत ने बताया कि इस बार बाजार में नवरंग राखियों के साथ-साथ सादे राखियों की मांग सबसे ज्यादा है। भगवान राम की चरण पादुका और धनुष से सजी राखियां भी बहनों को आकर्षित कर रही हैं। रुद्राक्ष वाली राखियां भी महिलाओं की पहली पसंद हैं। बच्चों के लिए स्कैनेबल राखी शुरू की गई है। इसे स्कैन करते समय राखी पर जो भी कार्टून बना होता है, वही कार्टून मोबाइल पर चलने लगता है। यह राखी बच्चों को काफी पसंद आ रही है। इसके अलावा बच्चों के लिए तरह-तरह की कार्टून वाली राखियां भी उपलब्ध हैं। बाजार में हस्तनिर्मित राखियां भी काफी पसंद की जा रही हैं। इनकी कीमत 30 रुपये से शुरू होकर 80 रुपये तक है।
डाक विभाग ने लाए वाटरप्रूफ लिफाफे
भारत सरकार ने राखी के लिए डाकघर को विशेष वाटरप्रूफ लिफाफे भेजे हैं। रक्षाबंधन पर बहनें बरसात में सुरक्षित राखी भेज सकें, इसके लिए डाक विभाग इस विशेष लिफाफे के लिए 10 रुपये ले रहा है। इस वाटरप्रूफ लिफाफे के जरिए राखी भेजने पर कोई अतिरिक्त पैसा नहीं लिया जा रहा है। वाटरप्रूफ लिफाफे के ऊपरी बाएं हिस्से पर भारतीय डाक का लोगो और रक्षाबंधन का डिजाइन अंग्रेजी में राखी लिफाफा के साथ लिखा हुआ है और नीचे दाईं ओर ‘हैप्पी राखी’ लिखा हुआ है।
उपहार बाजार में भी चहल-पहल
राखी के साथ ही रक्षाबंधन को लेकर उपहार बाजार में भी चहल-पहल है। रक्षाबंधन पर भाई अपनी बहनों के लिए कॉपी मग से लेकर सोने-चांदी के कंगन तक की खरीदारी कर रहे हैं। इसके अलावा परफ्यूम, टेडी बियर, चॉकलेट पैक, घड़ी जैसे उपहारों की भी भरमार है।
झंडों की बिक्री
स्वतंत्रता दिवस में अब सिर्फ तीन दिन बचे हैं, इसलिए तिरंगे झंडों की बिक्री भी बढ़ गई है। तिरंगे झंडों के अलावा बाजार में तिरंगे की टोपी, बैज, टी-शर्ट और बैंड भी खूब बिक रहे हैं। युवा और स्कूली बच्चे बड़ी संख्या में इन्हें खरीद रहे हैं।