अमर सैनी
नोएडा। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बायोमैट्रिक उपस्थिति सिस्टम लंबे समय से बंद पड़ा है। इसका फायदा उठाते हुए कई अधिकारी और कर्मचारी महीनों से ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं, लेकिन उन्हें नियमित रूप से वेतन मिल रहा है। दर्जनों कर्मचारी बिना हाजिरी के ही घर बैठे वेतन उठा रहे हैं। जिससे जनता को कार्यालय में अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शिकायतकर्ता राजेंद्र सिंह ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी को बताया कि कार्यालय में कर्मचारी समय पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं, जिससे प्राधिकरण की कार्य प्रणाली प्रभावित हो रही है। बायोमैट्रिक सिस्टम को लेकर लाखों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन यह लंबे समय से बंद पड़ा हुआ है। अधिकारी दोपहर में भोजन के समय अपने घर चले जाते हैं और कई घंटे बाद लौटते हैं, जिससे कामकाज में व्यवधान होता है। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का ई-फाइलिंग सिस्टम भी बंद है, जिसमें लगभग 65 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह सिस्टम कुछ समय तक ही सक्रिय रहा, लेकिन उसके बाद से ठप पड़ा है और अब सभी कार्य मैनुअल रूप से किए जा रहे हैं। इसके चलते कागज की बर्बादी और अधिक समय लगने की समस्या सामने आ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद इस मामले में जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है। इस मामले में अब मुख्यमंत्री से विशेष जांच दल (एसआईटी) की मांग की जा रही है।