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पंजीकरण रद्द होने के बाद भी निजी अस्पताल संचालित

पंजीकरण रद्द होने के बाद भी निजी अस्पताल संचालित

अमर सैनी

गाजियाबाद। भोजपुर के निजी अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही से नवजात की मौत हो गई। आरोप है कि रिसेप्शनिस्ट ने गर्भवती का प्रसव करवाया, जिससे मां ने अपने बच्चे को खो दिया। स्वास्थ्य विभाग की जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद मेडिकेयर सेंटर संचालित हैं। पीड़ित ने इस मामले में दोबारा से सीएमओ और मुख्यमंत्री से शिकायत की है।
भोजपुर ब्लॉक के गांव अतरौली निवासी अमित कुमार ने 23 जनवरी 2024 की रात में अपनी गर्भवती पत्नी कविता को प्रसव के लिए जीवन ज्योति मेडिकेयर सेंटर में भर्ती करवाया था। उस समय वहां कोई डॉक्टर नहीं थी। उनसे बताया गया कि डॉक्टर आ रही हैं और उनकी पत्नी को लेबर रूम में ले जाया गया। रात में लगभग दो बजे उन्हें अस्पताल स्टाफ ने बुलाया और बताया कि बेटी हुई है, लेकिन उसकी हालत बेहद खराब है। अस्पताल में नवजात के उपचार की व्यवस्था नहीं है, इसलिए बच्ची को तुरंत किसी और अस्पताल ले जाओ। अमित के अनुसार वह तुरंत ही बच्ची को हापुड़ के देवनंदनी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया। देवनंदनी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की मौत लगभग दो घंटे पहले हो चुकी है। वह नवजात के शव को लेकर वापस जीवन ज्योति मेडिकेयर सेंटर पहुंचे और स्टाफ से इसकी शिकायत की। शिकायत करने पर स्टाफ ने उनके साथ अभद्रता की। अमित को उनकी पत्नी ने बताया कि प्रसव डॉक्टर ने नहीं बल्कि रिसेप्शन पर बैठने वाली महिला ने करवाया है। इस मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच की, जिसमें आरोप सही पाए गए। स्वास्थ्य विभाग ने जीवन ज्योति मेडिकेयर सेंटर का पंजीकरण निरस्त कर दिया। लेकिन सेंटर अभी भी संचालित हो रहा है। इस मामले में अमित ने दोबारा सीएम से शिकायत की है। अमित का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते अस्पताल संचालित हो रहा है। अमित ने अस्पताल के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इस मामले में सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर का कहना है कि मामले की जांच करवाई जा रही है और जांच के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को किसी भी हालत में बक्शा नहीं जाएगा।

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