Noida Cyber Crime: डिजिटल अरेस्ट के नाम पर सेवानिवृत्त रेलवे इंजीनियर से 12 लाख की साइबर ठगी

Noida Cyber Crime: डिजिटल अरेस्ट के नाम पर सेवानिवृत्त रेलवे इंजीनियर से 12 लाख की साइबर ठगी
नोएडा में साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस और जांच एजेंसियों का अधिकारी बताकर एक सेवानिवृत्त रेलवे इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर लिया और उनसे 12 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपियों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का डर दिखाकर यह रकम ऐंठी। पीड़ित की शिकायत पर साइबर अपराध थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सेक्टर-78 स्थित द हाइड पार्क सोसाइटी में रहने वाले रामसेवक तोमर ने पुलिस को बताया कि वह रेलवे से इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। कुछ समय पहले उनकी पत्नी का निधन हो गया था और उनके बच्चे दिल्ली-एनसीआर से बाहर नौकरी करते हैं। 29 नवंबर की सुबह करीब 10:30 बजे उनके व्हाट्सऐप नंबर पर एक वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को प्रदीप सावंत बताते हुए दिल्ली स्थित क्राइम ब्रांच मुख्यालय का जांच अधिकारी बताया।
आरोपी ने दावा किया कि रामसेवक तोमर के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर दिल्ली के केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है, जिस पर डेबिट कार्ड भी जारी हुआ है। उसने कहा कि इसी खाते का इस्तेमाल नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में किया गया है और इस मामले में उनकी भूमिका भी संदिग्ध है। इसके बाद आरोपी ने उन्हें अपने कथित वरिष्ठ अधिकारी से बात कराई, जिसने अपना नाम विजय कुमार खन्ना बताया और वीडियो कॉल पर पुलिस की वर्दी में नजर आया।
आरोपियों ने भरोसा दिलाने के लिए कुछ फर्जी दस्तावेज भी व्हाट्सऐप पर भेजे। इसके बाद एक दिसंबर को कथित तौर पर सीबीआई कोर्ट में बयान दर्ज कराने के नाम पर एक और वीडियो कॉल की गई, जिसमें एक व्यक्ति जज की वेशभूषा में बैठा दिखाई दिया। उसने आदेश दिया कि शिकायतकर्ता के पास मौजूद सभी फंड को एक तथाकथित सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट में ट्रांसफर किया जाए। इससे रामसेवक तोमर घबरा गए और आरोपियों के जाल में फंसते चले गए।
इसके बाद कथित पुलिस अधिकारी ने तत्काल दो लाख रुपये गणेश जनार्दन कापसे नाम के व्यक्ति के बैंक खाते में ट्रांसफर करने को कहा। यह खाता मुंबई स्थित सिटी यूनियन बैंक में बताया गया। इसके बाद आरोपियों ने दबाव बनाकर जेवरात पर लोन लेकर रकम जमा कराने के लिए कहा। पीड़ित ने चार दिसंबर को जेवरात गिरवी रखकर 10 लाख रुपये का ऋण लिया और वह रकम भी ट्रांसफर कर दी। छह दिसंबर को आरोपियों ने म्यूचुअल फंड बंद कराकर पैसा जमा कराने के लिए कहा।
बार-बार पैसों की मांग होने पर पीड़ित को संदेह हुआ। ठगी का अहसास होने पर रामसेवक तोमर ने 15 दिसंबर को एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद साइबर अपराध थाने में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और खातों व कॉल डिटेल के आधार पर आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है।
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