नोएडा प्राधिकरण का डेवलपमेंट प्लान, 1187 करोड़ की योजनाएं तैयार
नोएडा प्राधिकरण का डेवलपमेंट प्लान, 1187 करोड़ की योजनाएं तैयार
अभिषेक ब्याहुत
नोएडा।नोएडा प्राधिकरण में गुरुवार को सभी विभागों की रूप रेखा का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसमें सिविल, जल, इएंडएम, जन स्वास्थ्य के अलावा सामान्य प्रशासन, संस्थागत , औद्योगिक के अलावा अन्य विभागाध्यक्ष शामिल हुए।
इन सभी विभागाध्यक्ष ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी के समक्ष 2024 और 2025 की परियोजनाओं के प्रगति से अवगत कराया। सिविल विभाग की करीब 1044.56 करोड़ रुपए की पांच परियोजना चल रही है। वहीं 1187 करोड़ रुपए की परियोजनाएं पाइप लाइन में है। सिविल विभाग के डीजीएम विजय रावल ने ब्रीफ करते हुए बताया कि डीएससी रोड पर बन रहा भंगेल एलिवेडट का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। प्रत्येक 15-15 दिन में इसका रिव्यू किया जाएगा। इसी तरह सेक्टर-96 में प्रशासनिक भवन का भी 70 प्रतिशत काम हो चुका है।ये दोनों परियोजनाओं का लोकार्पण दिसंबर 2024 में किया जाएगा। सेक्टर-123 में प्रस्तावित स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स का काम प्रेजेंटेशन हो चुका है।
मॉडल रोड के रूप में विकसित होगा उद्योग मार्ग
नोएडा में उद्योग मार्ग को मॉडल रोड में विकसित किया जाएगा। ये नोएडा की सबसे बेस्ट रोड होगी। इसका काम 50 करोड़ में किया जाएगा। अंडरग्राउंड केबल डाले जाएंगे। कोई भी यूटिलिटी बाहर नहीं होगी। 2024-25 तक इसे पूरा किया जाएगा। सेक्टर-18 से 61 तक बनी एलिवेटड रोड के दोनों ओर 2.5 किमी के पैच में नाइस बैरियर लगाया जाएगा। इनकी ऊंचाई करीब 2-2 मीटर की होगी। इसे 20 करोड़ में पूरा किया जाएगा। गोल्फ कोर्स व हेलीपोर्ट के लिए 80 प्रतिशत जमीन मिल चुकी है। 5 से 10 प्रतिशत जमीन हेलीपोर्ट की है उसे ले लिया जाएगा।
2025 में गोल्फ कोर्स का काम होगा पूरा
गोल्फ कोर्स का काम 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं एलजी चौक से एक्सप्रेस वे तक लिंक लाइन का काम भी 2025 तक किया जाएगा। यहां एप्रोच रोड का काम शुरू हो गया है। एक्सप्रेस वे पर दो नए अंडर पास का निर्माण होना है। इसमें पहला चैनेज 16.9 किमी पर 131 करोड़ का है। दूसरा चैनेज 6.1 किमी का है। इसके निर्माण में 106 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसे डाया फार वॉल तकनीक से बनाया जाएगा। इसे 2025 तक पूरा किया जाएगा। चिल्ला एलिवेटड के लिए रि टेंडर किए गए है।
तीन नए बाजारों का किया जाएगा मॉडिफिकेशन
ब्रह्मपुत्रा कॉम्प्लेक्स को मोडिफाइड किया जा चुका है। इसी तर्ज पर तीन और बाजारों को मोडिफाइड किया जाएगा। इसमें सेक्टर-37 गोदावरी बाजार, सेक्टर-110 और सेक्टर-110 का ही बीडीएस बाजार। प्रत्येक बाजार में 2.5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसका डिजाइन तैयार है। टेंडर प्रक्रिया करके काम शुरू कराया जाएगा।
ग्राम विकास पर खर्च किए जाएंगे 70 करोड़
उन्होंने बताया कि 2023-24 में गांवों के विकास के लिए कुल 70 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया था। इसमें से 59 प्रस्तावित योजनाएं थी। जिसमें 26 पर काम किया जा रहा है। इसे देखते हुए 2024-25 में भी 70 करोड़ का बजट रखा गया है। जिसमें गांवों का पूर्ण विकास करने का लक्ष्य रखा गया है।
2025 तक पूरा हो जाएगा सेफ सिटी प्रोजेक्ट, नए सेक्टरों में सब स्टेशन
डीजीएम इएंडएम राजेश कुमार ने बताया कि सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 561 स्थाप चिह्नित किए गए है। 2500 कैमरे लगाए जाएंगे। ये सभी स्थान महिला सुरक्षा को देखते हुए बनाए गए है। 212 करोड़ का प्रोजेक्ट है। ई-टेंडर प्रक्रिया दो से तीन दिन में हो जाएगी। इसकी कंट्रोलिंग कमांड कंट्रोल रूम से की जाएगी। इसके अलावा नोएडा के सभी अंडरपास में फसाड लाइट लगाई जाएंगी। वहीं घने पेड़ होने की वजह से सेक्टरों में 4 और 6 मीटर के स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे है। नए सेक्टरों में पहले फेज में पांच नए सब स्टेशन बनाए जाएंगे।
छह महीने में नोएडा के सभी डॉग को लग जाएंगे एंटी रेबीज
डीजीएम जन स्वास्थ्य एसपी सिंह ने बताया कि चार सेक्टरों में डॉग शेल्टर बनाए गए है। इन शेल्टरों में स्ट्रीट डॉग को एंटी रैबीज वैक्सीन लगाई जा रही है। यहां डॉग के ऐग्रैशन में बदलाव लाया जा रहा है। घायल डॉग का इलाज किया जा रहा है। इसके लिए हमने दो कंपनी का चयन किया है।
छह महीने में नोएडा के सभी डॉग को एंटी रेबीज
इंजेक्शन लग जाएंगे। वहीं शहर को 7 स्टॉर कैटेगरी में लाने के लिए सेक्टर-145 में एनटीपीसी और एजी एनवायरो अपने प्लांट लगा रही है। दोनों के साथ एमओयू साइन हो चुका है। इसमें एजी एनवायरों कूड़े से सीएनजी गैस का उत्पादन करेगी। वहीं एनटी पीसी रोजाना 600 टन कचरे से चार कोल बनाएगी। जिसका प्रयोग वो अपने यहां ईधन के लिए करेगी।
शहर में पार्किंग के लिए होगा सर्वे
पूरे शहर में पार्किंग के लिए दोबारा से सर्वे कराया जा रहा है। हम उन स्थानों को देख रहे है जहां लोगों को आसानी हो। इसके अलावा 3 क्लस्टर में पार्किंग शुरू हो चुकी है। दो क्लस्टर में कोर्ट केस चल रहा है।
रैनीवेल का काम पूरा होते ही भूमिगत जल की नहीं आवश्यकता
डीजीएम जल आरपी सिंह ने बताया कि अभी तक हम लोग भूमिगत जल का प्रयोग गंगाजल के साथ मिलाकर करते थे। अब रैनीवेल से प्राप्त पानी का प्रयोग ही गंगाजल के साथ किया जाएगा। इसका टीडीएस स्तर 300 के आसपास होता है। लक्ष्य है कि अप्रैल-2025 तक हमारे सभी छह नए रैनीवेल काम करने लगेंगे। इसे हमें 125 एमएलडी पानी मिलने लगेगा। इसके बाद बोरवेल का पानी गंगाजल में न मिलाकर इनको बंद किया जाएगा।