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नोएडा प्राधिकरण 17 साल बाद भी टेढ़ी सड़क को नहीं कर सका सीधा

नोएडा प्राधिकरण 17 साल बाद भी टेढ़ी सड़क को नहीं कर सका सीधा

अमर सैनी

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के इंजीजियर कितने काबिल हैं, इस खबर को पढ़ने के बाद आपको समझ में आ जाएगा। इन महानुभावों ने सेक्टर 73 से 122 के बीच भी ऐसी सड़क बनाई है, जिसे देखकर आप माथा पीट लेंगे। बताया जा रहा है कि 2007 में सेक्टर 73 से 122 के बीच यह सड़क बनी थी। उस समय मोड़ पर 4 किसानों की जमीन थी। किसानों ने यह जमीन नहीं दी। इसलिए प्राधिकरण के इंजीनियरों ने सड़क को 100 मीटर टेढ़ा करके सिंगल लेन बना दिया। वहीं, 8 से ज्यादा सोसायटियों और पर्थला खंजरपुर गांव, श्रमिक कुंज की तरफ सड़क बनाकर कनेक्टिविटी दी गई।
बताया जाता है कि आबादी के लिए सेक्टर 71 या नोएडा की तरफ जाने के लिए यह सड़क सबसे मुख्य और नजदीकी है। इसलिए लोग इसी टेढ़ी सड़क से आवाजाही करने लगे। अब 17 साल बीत चुके हैं। प्राधिकरण की स्थिति यही है कि वह अभी तक वहां के 4 किसानों की जमीन का अधिग्रहण नहीं कर पाया है। आबादी और वाहनों का दबाव बढ़ गया है। ऐसे में सुबह-शाम और स्कूल टाइम में इस आधी-अधूरी बनी 100 मीटर सड़क पर लंबा जाम लग जाता है। इतना ही नहीं, बारिश के बाद इस खस्ताहाल सड़क से गुजरना मुश्किल हो जाता है। बताया जाता है कि यह सड़क प्रतीक लॉरेल, आरजी रेजीडेंसी, सेक्टर-120 के आम्रपाली जोडिएक, गौर ग्रैंड्योर, एल्डेको आमंत्रण, सेक्टर-119 के एल्डेको यूटोपिया, सेक्टर-122 के श्रमिक कुंज, पर्थला खंजरपुर गांव, सेक्टर-117 के यूनिटेक यूनिहोम्स के ट्रैफिक के लिए मुख्य है। यहां के निवासियों को इस जगह पर जाम में फंसना पड़ता है।

अधूरी सड़क की कहानी
अगर इस अधूरी सड़क की बात करें तो यह सेक्टर-73 में यदु पब्लिक स्कूल के सामने है। यह सड़क सेक्टर-71 से पर्थला जाने वाली सड़क (विकास मार्ग) से बसई के सामने से आती है। सेक्टर-122 के गेट तक पूरी सड़क चौड़ी है। इसलिए वाहन आसानी से निकल जाते हैं। वहीं, अगर यदु पब्लिक स्कूल से आगे की बात करें तो दूसरी तरफ सेक्टर-120, 122, 119, 117 और पर्थला खंजरपुर गांव है। इन सेक्टरों में सोसायटियां हैं। लगभग सभी सोसायटियां बड़ी हैं जिनमें 1 हजार से ज्यादा फ्लैट हैं। इन सभी फ्लैटों में लोग रह रहे हैं। यह सड़क उनका मुख्य रास्ता है।

सड़क और नाले में फर्क करना मुश्किल
दोनों तरफ चौड़ी और बीच में सिंगल लेन सड़क होने से यहां बोटल नेक बनता है। दूसरे, यह सड़क यहां सीधी भी नहीं है। विकास मार्ग से आने वाली सड़क यहां पहले दाएं मुड़ती है और फिर सीधी हो जाती है। इस तरह से एक उल्टा एल आकार बनता है। इससे ज्यादा ट्रैफिक फंसता है। मोड़ के एक तरफ नाला खुला है। बारिश होने पर जलभराव हो जाता है और फिर वाहन चालकों के लिए सड़क और नाले में फर्क करना मुश्किल हो जाता है।

सर्फाबाद के चार किसानों ने नहीं दी जमीन
जिस जमीन को प्राधिकरण अब तक हासिल नहीं कर पाया है, वह 4 किसानों की है। जमीन का क्षेत्रफल करीब 4 हजार वर्ग मीटर ही है। ये सभी किसान सर्फाबाद के हैं। प्राधिकरण से इनका विवाद काफी समय तक चला। दो साल पहले ये चारों किसान कोर्ट गए थे। सूत्रों की मानें तो हाल ही में इनमें से दो किसान जमीन देने के लिए सहमति बनाने प्राधिकरण भी गए थे। लेकिन प्राधिकरण के भू-अभिलेख विभाग के अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। इस संबंध में नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम सिविल विजय रावल का कहना है, यहां बनने वाली सड़क के लिए अभी जमीन उपलब्ध नहीं है। किसानों से भी बातचीत की गई है। कोशिश है कि जल्द ही समस्या का समाधान कर इस सड़क को बनवाया जाए।

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