उत्तर प्रदेश, नोएडा: गांव के लोगों के लिए जेवर एयरपोर्ट बना नासूर, 203 दिन से धरना दे रहे ग्रामीणों ने सीएम योगी से मांगी मदद
उत्तर प्रदेश, नोएडा: गांव के लोगों के लिए जेवर एयरपोर्ट बना नासूर, 203 दिन से धरना दे रहे ग्रामीणों ने सीएम योगी से मांगी मदद

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहा इंटरनेशनल एयरपोर्ट रन्हेरा गांव के लिए सिरदर्द बन गया है। गांव में रहने वाले लोग एयरपोर्ट को नासूर कहने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। दरअसल, जेवर एयरपोर्ट के चलते विस्थापित रन्हेरा गांव के ग्रामीण अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। ग्रामीण पिछले करीब 203 दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
रन्हेरा गांव निवासी ब्रजपाल का कहना है कि हम शान्ति पूर्ण सांकेतिक धरना दे रहे हैं। शासन और प्रशासन को उनकी मांगों को लेकर मौन अवस्था में है। अधिकारी उनकी बात को सुनना ही नहीं चाहते हैं। ग्रामीण कई बार अपनी मांगो को से प्राधिकरण अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। लेकिन अधिकारियों ने आज तक उनकी जायज मांगों को पूरा नहीं किया है। बस इसी मजबूरी के चलते ग्रामीणों को धरना देना पड़ रहा है।
बाढ़ की वीडियो वायरल होने पर दौड़े थे अधिकारी
ग्रामीणों ने बताया कि सितंबर 2024 में प्राधिकरण की लापरवाही के चलते गांव जलमग्न हो गया था। इस घटना की सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुई थी। जिसके बाद प्राधिकरण और दूसरे विभाग के अधिकारी गांव पहुंचे और राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया था। ग्रामीणों ने बताया कि इस घटना के बाद से अधिकारियों का कुछ आता पता नहीं है। वह कई बार अधिकारियों की चौखट पर हाजिरी लगा चुके हैं, लेकिन सुनवाई के नाम पर निल बटे सन्नाटा है। अब सीएम योगी से उन्होंने गुहार लगाई है।
ग्रामीणों की मांगें
1. घर घेर के बराबर प्लॉट दिया जाए।
2. न्यूनतम 100 मीटर प्लॉट दिया जाए।
3. प्रभावितों को रोजगार दिया जाए।
4. रोजगार प्रभावित होने के एवज में 12 लाख रुपए दिए जाएं।
5. मुआवजे के पैसे से घर जमीन खरीदने पर स्टाम्प शुल्क से मुक्ति
6.अन्य छोटी मोटी प्रशासनिक भूलों में सुधार हो
रन्हेरा बनेगा रणहेरा
ग्रामीणों ने बताया कि वह अपनी पुरखों की जमीन प्राधिकरण को दे रहे हैं। अगर इसके एवज में ग्रामीण प्राधिकरण से कोई मांग कर रहे हैं तो उन्हें सुनना चाहिए। अगर ऐसा ही चलता रहा तो रन्हेरा जल्द ही रणहेरा गांव में बदल जाएगा। इसके बाद अगर कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार प्राधिकरण के अधिकारी खुद होंगे।