Sambhal Violence: संभल हिंसा की जांच में नया मोड़, एसपी केके बिश्नोई न्यायिक आयोग के समक्ष हुए पेश

Sambhal Violence: संभल हिंसा की जांच में नया मोड़, एसपी केके बिश्नोई न्यायिक आयोग के समक्ष हुए पेश
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग के समक्ष आज संभल के पुलिस अधीक्षक के.के. बिश्नोई लखनऊ पहुंचे। उन्होंने आयोग के समक्ष पेश होकर हिंसा से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत किए और मामले की जानकारी दी। यह हिंसा शाही जामा मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा न्यायालय के आदेश पर कराए गए सर्वेक्षण के दौरान भड़क उठी थी। सर्वेक्षण के विरोध में भीड़ इकट्ठा हुई और देखते ही देखते स्थिति हिंसक हो गई। घटना के बाद प्रदेश सरकार ने तत्काल संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। इस आयोग की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा कर रहे हैं, जबकि इसमें पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ए.के. जैन और पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद सदस्य के रूप में शामिल हैं। आयोग को पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने का जिम्मा सौंपा गया है।
एसपी बिश्नोई ने आयोग के सामने हिंसा के दौरान पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई, घटनास्थल की स्थिति, उपलब्ध वीडियो फुटेज, गवाहों के बयान और अन्य तकनीकी साक्ष्य प्रस्तुत किए। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में आयोग अन्य अधिकारियों और चश्मदीदों को भी तलब कर सकता है। सरकार इस जांच को गंभीरता से ले रही है और पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच सुनिश्चित करने के संकेत दे चुकी है। संभल हिंसा को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल बनी हुई है और रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर स्थिति और स्पष्ट हो सकती है।