
नई दिल्ली, 25 अगस्त : अत्यधिक मोटापा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है जिसकी बानगी एम्स दिल्ली में इलाज के लिए पहुंची महिला (44वर्ष) के रुप में दिखाई दी. यह महिला सुपर -सुपर मोटापे के चलते ना सिर्फ हार्ट और लंग फेल होने की समस्या से जूझ रही थी. बल्कि किडनी और लिवर जैसे अंगों के डैमेज की ओर भी अग्रसर थी. महिला को एम्स दिल्ली के सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने अत्याधुनिक गेस्ट्रोक्टॉमी सर्जरी के जरिये नया जीवन प्रदान किया है.
दरअसल, 145.5 किलो वजनी महिला (44 वर्ष) जो संगम विहार में रहती है. सांस की समस्या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) से पीड़ित थी, उसे चलने -फिरने, उठने -बैठने और सोने- जागने के दौरान सांस लेने में दिक्कत हो रही थी जिसके चलते वह पिछले तीन महीने से वेंटीलेटर पर थी और सीपैप के जरिये ऑक्सीजन ले रही थी.
यह महिला बीते 18 अगस्त को एम्स दिल्ली पहुंची थी जहां उसकी जटिल स्वास्थ्य स्थिति को देखकर सर्जरी विभाग के डॉक्टर मंजुनाथ मारुति पोल ने बैरिएट्रिक सर्जरी करने का फैसला किया. उन्होंने महिला के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कार्डियोलॉजी, पल्मनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, अनेस्थिसियोलॉजी और फिजियोथेरेपी के विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ डायटिशियन को लेकर एक टीम बनाई. और वजन घटाने में कारगर ‘गेस्ट्रोक्टॉमी स्लीव सर्जरी’ को अंजाम दिया. यह एक लैपरोस्कॉपिक सर्जरी होती है जिससे मरीज के शरीर में बड़े चीरे लगाने की जरुरत नहीं पड़ती.
डॉ. मंजूनाथ मारुति पोल ने बताया कि महिला के पेट के 80% हिस्से को हटा दिया गया है। अब पेट में एक पतली ट्यूब के आकार की थैली है, जो भोजन करने की क्षमता में कमी लाएगी और धीरे -धीरे महिला का वजन कम होने लगेगा. एम्स आने से पहले महिला सफदरजंग अस्पताल और आरएमएल अस्पताल में इलाज करवा रही थी.
डॉ मंजुनाथ ने बताया कि अब महिला की हालत स्थिर है. वह स्वयं खा पी रही है. उठ बैठ रही है और अपने आप नहाने धोने का काम भी कर रही है. अगले एक हफ्ते में महिला को सांस लेने की दिक्कत में आराम आ जाएगा. यह महिला गरीब समुदाय की है इसलिए उसकी सुविधा के लिए एम्स के मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिस (एमएसएसओ) के माध्यम से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर निशुल्क प्रदान किया जा रहा है.