
नई दिल्ली, 1 जुलाई : रूस में निर्मित स्टील्थ फ्रिगेट ‘आईएनएस तमाल’ मंगलवार को भारतीय नौसेना में शामिल हो गया। इसका कमीशनिंग समारोह रूस के कलिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में आयोजित किया गया जिसमें भारत की पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह मौजूद रहे।
इस अवसर पर भारतीय नौसेना युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियंत्रक एवं वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन और रूसी संघ नौसेना के बाल्टिक फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल सर्जी लिपिन के अलावा भारतीय और रूसी सरकारों, नौसेनाओं और उद्योगों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। ‘आईएनएस तमाल’ की कमीशनिंग के साथ ही युद्धपोत निर्माण के क्षेत्र में भारत की विदेशी निर्भरता का अध्याय मंगलवार को समाप्त हो गया। यह रूस में बनने वाला भारत का अंतिम युद्धपोत है। चूंकि अब भारत अपने सभी युद्धपोत स्वयं बना रहा है।
युद्धपोत तमाल के बारे में…
आईएनएस तमाल परियोजना 1135.6 की श्रृंखला का आठवां बहु-भूमिका वाला स्टील्थ फ्रिगेट है और अतिरिक्त अनुवर्ती तुशील श्रेणी के जहाजों में से दूसरा है। तुशील श्रेणी के पहले जहाज (आईएनएस तुशील) को 09 दिसंबर 24 को रक्षा मंत्री की उपस्थिति में कमीशन किया गया था। अब तक शामिल किए गए सभी सात जहाज पश्चिमी नौसेना कमान के तहत भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े – ‘द स्वॉर्ड आर्म’ का हिस्सा बने हुए हैं। यह समारोह भारतीय नौसेना में आईएनएस तमाल के औपचारिक रूप से शामिल होने का प्रतीक है। रूस से भारत पहुंचने पर तमाल का पारंपरिक रूप से स्वागत किया जाएगा। जहाज की कमान गनरी और मिसाइल युद्ध विशेषज्ञ कैप्टन श्रीधर टाटा के हाथों में है।