
नई दिल्ली, 8 अगस्त : जब दवाएं और फिजियोथेरेपी जैसे परंपरागत उपचार काम नहीं करते या अपेंडिसाइटिस या कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा स्थिति सामने होती है। तब मरीज के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सर्जरी की जाती है लेकिन कुछ मामलों में सर्जरी के बाद मरीज को संक्रमण हो जाता है जिसे कुछ उपायों को सख्ती से अपनाकर रोका जा सकता है।
यह जानकारी राम मनोहर लोहिया अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉक्टर शालिनी मल्होत्रा ने सर्जिकल इंसीजन इंफेक्शन को लेकर आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) के दौरान दी। उन्होंने कहा, सर्जरी का उपयोग फ्रैक्चर, फटे लिगामेंट और अन्य चोटों की मरम्मत के लिए भी किया जाता है। इस अवसर पर चिकित्सा निदेशक डॉ. अशोक कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक दीवान और डीन डॉ. आरती मारिया के अलावा माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख निर्मलजीत कौर समेत 150 से ज्यादा सर्जन, नर्स, ओटी तकनीशियन और पैरामेडिकल स्टाफ के सदस्य मौजूद रहे।
डॉ. मल्होत्रा ने कहा, सर्जरी के बाद चीरे वाली जगह पर संक्रमण कीटाणुओं के कारण होता है। इनमें सबसे आम बैक्टीरिया स्टैफिलोकोकस, स्ट्रेप्टोकोकस और स्यूडोमोनास हैं। कीटाणु विभिन्न प्रकार के संपर्कों से सर्जिकल घाव को संक्रमित कर सकते हैं, जैसे कि किसी दूषित देखभालकर्ता या सर्जिकल उपकरण के स्पर्श से, हवा में मौजूद कीटाणुओं के माध्यम से। यह संक्रमण आपके शरीर पर या आपके शरीर में पहले से मौजूद कीटाणुओं के माध्यम से भी हो जाते हैं।
संक्रमण के नुकसान ?
सर्जरी के बाद मरीज के घाव से मवाद निकलने के अलावा घाव के टांके खुलने की समस्या भी शामिल है। इसके अलावा मरीज के समक्ष लालिमा, सूजन, दर्द और बुखार जैसे लक्षण भी आ सकते हैं जिसे ठीक करने के लिए घाव या शरीर को दोबारा खोलना पड़ सकता है। हालांकि सर्जरी के बाद संक्रमण होने की संभावना लगभग 1% से 3% होती है, जो आमतौर पर सर्जरी के 30 दिनों के भीतर होता है।
मेडिकल स्टाफ क्या करे ?
सर्जरी से पहले, दौरान और बाद में, संक्रमण को रोकने के लिए कई मानक उपाय मौजूद हैं। इनमें हाथ की स्वच्छता, घाव की देखभाल और डॉक्टर के निर्देशों का सख्ती से पालन करना शामिल है। सर्जरी या चीरा लगाने से करीब एक घंटा पहले मरीज की त्वचा को संक्रमण मुक्त बनाना चाहिए। त्वचा पर एंटीसेप्टिक घोल से साफ करना चाहिए। कुछ मामलों में, सर्जरी से पहले एंटीबायोटिक्स दिए जा सकते हैं। वहीं सर्जनों, नर्सों, ओटी तकनीशियनों को अपने हाथों को हैंड स्क्रब से कम से कम पांच मिनट स्क्रब करना चाहिए। फिर दस्ताने पहनने चाहिए। ओटी में पहने जाने वाले कपड़ों (एप्रिन, कैप आदि) को कीटाणुरहित और सर्जिकल औजारों को अच्छी तरह स्टरलाइज करना चाहिए। ओटी में नमी व सीलन न हो ताकि बैक्टीरिया न पनप सके।
मरीज क्या करें ?
धूम्रपान संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है, इसलिए सर्जरी से पहले इसे छोड़ना बेहतर है। त्वचा को शेव न करें, चूंकि शेविंग से त्वचा में छोटे-छोटे कट लग सकते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अपनी चिकित्सा स्थिति के बारे में डॉक्टर को सूचित करें। मधुमेह, पुरानी बीमारियां और अन्य स्थितियां संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। सर्जरी के बाद संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अपने प्रियजनों को अपने घाव या सर्जरी वाली जगह को छूने से रोकें।
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