नई दिल्ली: सफदरजंग के मातृ दुग्ध बैंक से सालाना 2K नवजात शिशु होंगे लाभान्वित
नई दिल्ली: -चिकित्सा अधीक्षक डॉ संदीप बंसल ने किया लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट का उद्घाटन
नई दिल्ली, 11 दिसम्बर : अपरिहार्य कारणों से अपनी मां के दूध के वंचित नवजात शिशुओं को अब सफदरजंग अस्पताल के माध्यम मां का दूध यानि प्राकृतिक पोषण का लाभ मिल सकेगा।
इसके लिए वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सफदरजंग अस्पताल प्रशासन ने न्यू इमरजेंसी ब्लॉक (एनईबी) के सातवें तल पर मातृ दुग्ध बैंक (लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट) स्थापित किया है जिसका औपचारिक उद्घाटन चिकित्सा अधीक्षक डॉ संदीप बंसल ने बुधवार को किया। उनके साथ प्रिंसिपल डॉ गीतिका खन्ना, डॉ रतन गुप्ता, डॉ सुगंधा आर्य और डॉ रिया श्रीयन भी मौजूद रहे। इस अवसर पर डॉ बंसल ने कहा, भारत सरकार ने देश भर में हर नवजात शिशु इकाई में दूध बैंक स्थापित करने के आदेश जारी किए हैं। जिसके तहत सफदरजंग अस्पताल में लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट (एलएमयू) स्थापित की गई है।
डॉ संदीप बंसल ने कहा, एलएमयू के जरिए सालाना 2000 नवजात शिशुओं को मां के दूध का लाभ मिल सकेगा जो (शिशु) विभिन्न बीमारियों के चलते सफदरजंग अस्पताल के मदर-एनआईसीयू में भर्ती होते हैं। डॉ बंसल ने कहा, दुनिया भर में समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में भारत का योगदान 25% है और ये बच्चे हाई रिस्क में होते हैं। एक अनुमान के मुताबिक स्तनपान जैसे लागत प्रभावी और व्यवहार्य हस्तक्षेपों से समय पूर्व जन्मे शिशुओं की मृत्यु दर में 3/4 कमी लाई जा सकती है। इसमें भारत में हर साल पांच साल से कम उम्र के 1.60 लाख बच्चों की मौत को रोकने की क्षमता है।
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