नई दिल्ली, 24 अक्तूबर: अगर आप मीठी सुपारी या पान के साथ सामान्य सुपारी खाने का शौक रखते हैं तो इसे तुरंत बंद कर दीजिए। यह शौक ना सिर्फ आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है बल्कि दीर्घावधि में ओरल कैंसर का रूप भी ले सकता है।
इस आशय की जानकारी एम्स दिल्ली के दंत शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (सेंटर फोर डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च) की प्रोफेसर डॉ. दीपिका मिश्रा ने दी। उन्होंने कहा कि दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में रहने वाले लोगों को आमतौर पर सुपारी चबाने की आदत होती है। वह पान मसाला और गुटखा के साथ पान की गिलोरी में भी सुपारी खाते हैं जिससे ओरल सब -म्यूकस फाइब्रोसिस (ओएसएमएफ) नाम की घातक बीमारी हो जाती है। यह मुंह के अंदर के ऊतकों को प्रभावित करती है, जिससे वे सख्त और मोटे हो जाते हैं।
इसके परिणाम स्वरूप सुपारी खाने वाले व्यक्ति को मुंह खोलने में कठिनाई होती है। उसका मुंह पूरा नहीं खुलता, दर्द और जलन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। मुंह की अकड़न के कारण स्पष्ट रूप से बोलना और खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। किसी -किसी के मुंह के अंदर सफेद, रेशेदार धब्बे या पट्टियां बन जाते हैं। समय के साथ, इस बीमारी से ओरल कैंसर या मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। आनुवंशिक संवेदनशीलता भी रोग का एक कारण हो सकती है।
डॉ. मिश्रा ने कहा, सुपारी खाने से होने वाले रोग से बचाव के लिए इसका सेवन छोड़ना ही एकमात्र उपाय है। अगर कोई व्यक्ति नियमित तौर पर सुपारी खा रहा है तो उसे तुरंत बंद कर देना चाहिए। हर महीने मुंह की जांच करानी चाहिए। चूंकि इस रोग की प्रथम चरण में पहचान होने से 80 से 90% मरीजों की जान बच जाती है। जबकि जांच में देरी व्यक्ति को रोग के अंतिम चरण में पहुंचा सकती है जिससे उसके बचने की सम्भावना नगण्य हो जाती है।




