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नई दिल्ली: मौसम ने थामी मानसून की डोर, कुछ दिन और रहेगा फ्लू का जोर

नई दिल्ली: - राजधानी दिल्ली के तमाम अस्पतालों में बुखार पीड़ितों की संख्या में इजाफा

नई दिल्ली, 24 सितम्बर : मानसून के दौरान बरसात से हवा में नमी आने से जहां उमस बढ़ जाती है। वहीं, चिपचिपी गर्मी वायरस और बैक्टीरिया को सक्रिय कर देती है। नतीजतन लोगों को चिपचिपी गर्मी की चुभन के साथ सर्दी- जुकाम, वायरल, फ्लू, निमोनिया और डेंगू-मलेरिया जैसे रोग झेलने पड़ रहे हैं। जिसके चलते विभिन्न अस्पतालों और निजी क्लीनिकों में मरीजों की भीड़ नजर आ रही है।

गुरु तेग बहादुर अस्पताल के अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रवीण कुमार का कहना है कि सितम्बर के महीने में अक्सर सर्दी जुकाम और बुखार के मामले काफी बढ़ जाते हैं लेकिन यह पिछले वर्ष के मुकाबले कम हैं। काफी समय से बरसात ना होने के चलते मौसम में बदलाव आ रहा है। इससे मौसमी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अनुपम प्रकाश के मुताबिक इस वर्ष डेंगू, मलेरिया, निमोनिया और टाइफाइड के साथ एच3एन2 इन्फ्लूएंजा ने लोगों को सबसे ज्यादा परेशान किया है। यह एच1एन1 इन्फ्लुएंजा वायरस का ही बदला हुआ रूप है जो हर थोड़े साल बाद स्ट्रेन बदलकर आ जाता है।

यह श्वसन, हृदय और गठिया रोगियों के साथ 65 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को प्रभावित करता है। इससे बचाव के लिए न्यूमोकोकल वैक्सीन लगवाई जा सकती है जो बैक्टीरियल निमोनिया के आधे से ज्यादा संक्रमणों के रोकथाम करने में कारगर है। मौसमी बुखार और उसके कारणों को लेकर सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि इस बार डेंगू , मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे रोग नियंत्रण में हैं। हालांकि सर्दी- जुकाम, वायरल, फ्लू, निमोनिया के मामले बढ़े हैं। लेकिन इतने ज्यादा भी नहीं है कि महामारी की तरह प्रबंधन करना पड़े।

इन मौसमी बुखार से पीड़ित मरीज तीन से चार दिन में घर पर ही ठीक हो रहे हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरुरत नहीं पड़ रही रही है। बशर्ते गंभीर निमोनिया, पेट में अल्सर या मेनिनजाइटिस से पीड़ित ना हो। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ. रमेश मीणा कहते हैं कि नमीयुक्त गर्मी में राइनोवायरस और एडिनोवायरस तेजी से पनपते हैं। अधिकांश मौसमी बुखार के लिए यही वायरस जिम्मेदार होते हैं। इस वर्ष मौसमी फ्लू के मामलों में चार गुना ज्यादा इजाफा हुआ है। इनसे बचाव के लिए स्वच्छता बेहद जरुरी है।

मौसमी बुखार से कैसे करें बचाव?
1.टीकाकरण : वार्षिक फ्लू वैक्सीन सबसे प्रभावी है।
2.हाथ की स्वच्छता: साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोएं, विशेष रूप से बाहर से आने पर। अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर भी उपयोगी।
3.मास्क और दूरी: भीड़-भाड़ वाली जगहों पर एन95 मास्क पहनें। संक्रमित व्यक्ति से 2 मीटर दूरी रखें।
4.घरेलू सावधानियां: बीमार होने पर घर पर रहें। छींकते-खांसते समय मुंह-नाक ढकें। सतहों को नियमित साफ करें।
5.स्वस्थ जीवनशैली: विटामिन सी और डी से भरपूर आहार लें -संतरा, आंवला, दूध। व्यायाम और नींद से इम्यूनिटी मजबूत करें।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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