
नई दिल्ली, 11 सितम्बर: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न निवारण (पीओएसएच) अधिनियम के प्रति महिलाओं में जागरूकता लाने के लिए एम्स दिल्ली ने एनजीओ के सहयोग से बुधवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया।
इस दौरान एम्स की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निरुपम मदान ने कहा, एम्स प्रशासन कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से सुरक्षा सुनिश्चित करने, सभी व्यक्तियों की गरिमा का सम्मान और उसे बनाए रखने वाले सुरक्षित वातावरण के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य संस्थागत तंत्र को मजबूत करना और कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सम्मान, सुरक्षा और समानता की संस्कृति को बढ़ावा देना था।
कार्यशाला में पद्मश्री डॉ. प्रो. नीरजा बाटला, डॉ. तूलिका सेठ, डॉ. प्रो. इंद्रा तनेजा के अलावा बाल उमंग दृश्य संस्था की एडवोकेट आशु अरोड़ा, अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की डॉ. कुलजीत कौर, जेएनयू की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुनीता रेड्डी और बाल स्वास्थ्य एवं विकास केंद्र की मनोवैज्ञानिक डॉ. सोनाली जैन गुप्ता प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न के भावनात्मक और व्यवहारिक परिणामों की जानकारी प्रदान करने से लेकर कानूनी पहलुओं से भी अवगत कराया।
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