नई दिल्ली, 27 अक्तूबर : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपने विभिन्न कार्यालयों और प्रयोगशालाओं में उत्पन्न होने वाले इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-वेस्ट) के वैज्ञानिक एवं पर्यावरण अनुकूल निपटान के लिए एक व्यापक पहल शुरू की है। यह प्रयास विशेष अभियान एससीडीपीएम 5.0 के तहत किया जा रहा है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य न केवल ई-वेस्ट के वैज्ञानिक प्रबंधन और निपटान को सुनिश्चित करना है, बल्कि वीआईपी संदर्भों, अपीलों और शिकायतों से जुड़े लंबित मामलों को न्यूनतम स्तर तक लाना भी है। पूर्ववर्ती अभियानों के दौरान डीआरडीओ लगभग 1 लाख फिजिकल फाइलों की समीक्षा के बाद 60 हजार से अधिक फाइलों को वीडआउट कर चुका है।
वहीं कटे हुए कागजों का वस्तु विनिमय प्रणाली के तहत पुनः उपयोग करते हुए संगठन ने लगभग ₹4 लाख मूल्य के स्टेशनरी आइटम प्राप्त किए हैं। इसके अतिरिक्त 100 से अधिक वाहनों और अन्य यांत्रिक अपशिष्ट सामग्री के निपटान से संगठन ने करीब ₹7.5 करोड़ की राशि अर्जित की है। यह प्रयास डीआरडीओ की संसाधन-संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है
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