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नई दिल्ली: जीनोमिक मेडिसिन से गंभीर रोगों का पर्सनलाइज ट्रीटमेंट करेगा फोर्टिस

नई दिल्ली: -प्रिसीजन मेडिसिन के क्षेत्र में चिकित्सा और उपचार के तौर-तरीकों में बदलाव

नई दिल्ली, 15 अप्रैल : फोर्टिस हेल्थकेयर ने मंगलवार को ‘फोर्टिस इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक मेडिसिन’ लॉन्च किया, जो ओंकोलॉजी, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी चिकित्सा के क्षेत्र में जीनोमिक विज्ञान का प्रयोग करेगा और टारगेटेड थेरेपी के जरिये सटीक उपचार करेगा।

इस केंद्र में जीनोमिक टेस्टिंग से रोग का शीघ्र पता लगाने में मदद मिलेगी। जो रोग के सटीक उपचार और जोखिम मूल्यांकन करके गैर-संक्रामक बीमारियों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ऐसे में, एनीमिया के अज्ञात कारण से पीड़ित बच्चा हो, या ब्रेस्ट कैंसर की फैमिली हिस्ट्री वाली महिला, या फिर लंग कैंसर का ऐसा मरीज जिसे टार्गेटेड थेरेपी की आवश्यकता है, उन्हें जीनोमिक्स के जरिये पर्सनलाइज उपचार मिल सकता है। किसी भी व्यक्ति के डीएनए का मूल्यांकन कर, उसके आनुवांशिक रिस्क फैक्टर्स के बारे में जरूरी जानकारी हासिल की जा सकती है

अस्पताल के सीओओ अनिल विनायक ने कहा, जीनोमिक मेडिसिन इंस्टीट्यूट में फोर्टिस के एडवांस क्लीनिकल इकोसिस्टम तथा एगिलस डायग्नोस्टिक सुविधाओं के साथ मॉलिक्यूलर हेमेटोलॉजी, ओंकोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पिडियाट्रिक्स, पैथोलॉजी सुविधा उपलब्ध है। यहां जीनोमिक वैज्ञानिकों और बायोइंफॉर्मेटिक्स व एआई (कृत्रिम मेधा) इंजीनियरों समेत मेडिकल एक्सपर्ट्स की मल्टीडिसीप्लिनरी टीम को भी तैनात किया गया है। इस अवसर पर बोन मैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ राहुल भार्गव, न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ प्रवीण गुप्ता, मेडिकल ओंकोलॉजी के डॉ नीतेश रोहतगी, डॉ अंकुर बहल और मॉलीक्यूलर हेमेटोलॉजी के डॉ श्रीनिधि नाथानी मौजूद रहे।

यश रावत ने कहा, जीनोमिक्स दुनियाभर में विभिन्न स्पेशियालिटीज जैसे ओंकोलॉजी, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी आदि के क्षेत्रों में चिकित्सा और उपचार के तौर-तरीकों में बदलाव ला रही है। जिसके तहत क्लीनिशयंस ओंको-जीनोमिक्स की मदद से कैंसर के जेनेटिक उत्प्रेरकों का पता लगाकर टारगेटेड (लक्षित) थेरेपी दे पाने में सक्षम होते हैं। यह अधिक प्रभावी होने के साथ पारंपरिक उपचार, जो सभी के लिए एक समान होता है, की तुलना में कम टॉक्सिक होती है।

डॉ भार्गव ने कहा, कार्डियो जीनोमिक्स से जन्मजात कार्डियक कंडीशंस का शीघ्र पता लगाने में मदद मिलती है जो उन लोगों के लिए काफी उपयोगी साबित होती है, जिनके परिवारों में अचानक हृदय गति रुकने, अज्ञात कारणों से हार्ट फेल होने या जन्मजात हृदय रोगों की हिस्ट्री है। इस बीच, न्यूरो-जीनोमिक्स से उन मरीजों के लिए उम्मीद की किरण पैदा हुई है जो जटिल किस्म के न्यूरोलॉजिकल विकारों से ग्रस्त हैं। डॉ गुप्ता ने कहा, जीन आधारित इनसाइट्स से एपिलेप्सी, पार्किन्सन और दुर्लभ किस्म के न्यूरोडेवलपमेंट सिंड्रोम जैसी कंडीशंस के डायग्नोसिस और पर्सनलाइज्ड उपचार में मदद मिलती है।

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