
नई दिल्ली, 15 अक्तूबर : भारतीय वायु सेना ने बुधवार को हिंद महासागर क्षेत्र में यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) की रॉयल नेवी के साथ एक संयुक्त अभ्यास किया। इस दौरान दोनों देशों के वायुसैनिकों ने अपने -अपने अनुभव, शौर्य, तकनीक और युद्ध कौशल के साथ बेहतर तालमेल का प्रदर्शन किया। इसने पारस्परिक सहयोग, आपसी विश्वास और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत किया।
एक दिन पहले यानी 14 अक्तूबर को आयोजित इस अभ्यास में भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एमकेआई, जगुआर, अवाक्स और एईडब्ल्यू एंड सी युद्धक विमानों ने रॉयल नेवी के विमानवाहक पोत एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स पर तैनात एफ-35बी लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर उड़ान भरी। भारतीय वायु सेना के अनुसार, इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य दोनों वायु सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को मजबूत करना, आपसी विश्वास को बढ़ाना और परिचालन समन्वय में सुधार करना था। इस अभ्यास ने क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के प्रति भारत और यूनाइटेड किंगडम की साझा प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
यह हवाई युद्ध प्रशिक्षण 8 अक्तूबर को भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के बीच द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास कोंकण 25 के समुद्री चरण के सफल समापन के बाद आयोजित किया गया था। कोंकण 25 के दौरान, दोनों नौसेनाओं ने सामरिक हवाई युद्ध, वायु रक्षा, पनडुब्बी रोधी और सतह रोधी युद्ध, साथ ही चल रहे पुनःपूर्ति सहित कई जटिल समुद्री अभियानों को अंजाम दिया। समुद्री चरण में उन्नत उड़ान अभियानों के साथ-साथ वायु-रोधी, सतह रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्ध पर केंद्रित समन्वित अभ्यास शामिल थे।
एफ-35बी लाइटनिंग स्टील्थ लड़ाकू विमानों और मिग-29के जेट विमानों के हवाई युद्धाभ्यास के बाद फ्लाईपास्ट और फोटोशूट का आयोजन किया गया। इस चरण के सफल समापन का प्रतीक स्वरूप एक संयुक्त पनडुब्बी खोज अभियान भी चलाया गया, जिसमें भारतीय नौसेना की एक पनडुब्बी ने ब्रिटिश युद्धपोतों और हेलीकॉप्टरों से बचने की कोशिश की, जिनमें एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स और फ्रिगेट एचएमएस रिचमंड पर सवार मर्लिन एमके2 और पी8 नेप्च्यून समुद्री गश्ती विमान शामिल थे।
यूनाइटेड किंगडम के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (यूके सीएसजी 25) के जहाजों ने अपनी परिचालन तैनाती के तहत मुंबई (एचएमएस रिचमंड) और गोवा (एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स) का दौरा किया। भारतीय पक्ष की ओर से, नौसेना ने अपने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, विध्वंसक आईएनएस सूरत, आईएनएस मोरमुगाओ और आईएनएस कोलकाता, फ्रिगेट आईएनएस तबर और आईएनएस तेग, और बेड़े के टैंकर आईएनएस दीपक के साथ-साथ पी-8आई समुद्री गश्ती विमान और पनडुब्बियों सहित अन्य हथियार तैनात किए। कोंकण 25 में यूके सीएसजी की ओर से भाग लेने वाले अन्य जहाजों में जापान का जेएस अकेबोनो और नॉर्वे का एचएनओएमएस रोआल्ड अमुंडसेन शामिल थे, जो एक स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बढ़ते बहुराष्ट्रीय सहयोग को दर्शाता है।