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नई दिल्ली: एम्स ने एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को आवंटित किए 300 करोड़

नई दिल्ली: -जल्द शुरू होगी सुपर स्पेशल ओपीडी, विशेष प्रशिक्षित डॉक्टर करेंगे मरीजों का इलाज

नई दिल्ली, 31 दिसम्बर : एम्स निदेशक डॉ एम श्रीनिवास ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) के इस्तेमाल के लिए एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जिससे मरीजों को अत्याधुनिक और सटीक उपचार समयबद्धता के साथ मिल सकेगा।

डॉ श्रीनिवास ने कहा, स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिकी और नीति के क्षेत्र में एआई बेहतरीन परिणाम दे रहा है। इसे अधिक सुलभ, विश्वसनीय और रोगी-केंद्रित बनाकर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आया अंतराल पाटा जा सकता है। श्रीनिवास ने कहा कि एम्स दिल्ली, मरीजो की देखभाल से लेकर स्वास्थ्य संचार तक हर चीज में क्रांति ला रहा है। हम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर हितधारक, मरीज, डॉक्टर और शोधकर्ता इस नवाचार से लाभान्वित हो सकें। एआई को एकीकृत करके हम दक्षता में सुधार कर सकते हैं, देरी को कम कर सकते हैं और विश्व स्तरीय शोध को सक्षम कर सकते हैं। इसके साथ ही प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए साहस ऐप को आकस्मिक कार्यबल प्रबंधन प्रणाली’ (सीडब्ल्यूएमएस) के साथ एकीकृत किया गया है। प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जा रहा है। भ्रष्टाचार पर रोक के लिए 13 से ज्यादा कार्मिकों को समयपूर्व सेवानिवृत्त किया गया है और 53 से अधिक मामलों में बर्खास्तगी समेत अन्य दंड दिए गए हैं। वहीं स्टाफ कारों में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली और जीपीएस लगाए गए हैं।

जल्द ही शुरू की जाएगी सुपर स्पेशल ओपीडी
प्रो श्रीनिवास ने बताया कि जल्द ही एम्स में सुपर स्पेशल ओपीडी शुरू की जाएगी। जिसमें सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर (चिकित्सा के एक विशेष क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण व ज्ञान प्राप्त व्यक्ति) मरीजों के रोगों का इलाज करेंगे। साथ ही एम्स में अध्ययनरत डॉक्टरों व अन्य डॉक्टरों को सर्जरी के क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जिसमें रोबोटिक सर्जरी प्रमुख है। इसके साथ ही उन्हें इंप्लांट विकसित करने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वह चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर सकें।

क्लीन एवं ग्रीन एम्स
उन्होंने कहा कि एम्स प्रशासन पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहद सजग है जिसके चलते एम्स परिसर को प्रदूषण मुक्त बनाने के प्रयास जारी हैं। इसके तहत एम्स में पौधारोपण अभियानए इलेक्ट्रिक वाहन के इस्तेमालए साइकिल यात्रा और सिंगल यूज प्लास्टिक को बढ़ावा दिया जा रहा है। डॉ श्रीनिवास ने बताया एम्स दिल्ली देश का ऐसा पहला सरकारी अस्पताल बन गया है जो पूरी तरह से पेपरलेस है। यहां सभी कार्य ई-पेपर पर हो रहे हैं।

फैकल्टी की भर्ती प्रक्रिया जारी
प्रो श्रीनिवास ने बताया कि एम्स दिल्ली में फैकल्टी या प्रोफेसर स्तर के डॉक्टरों के लिए 1200 पद स्वीकृत हैं। इनमें 20 से 30 फीसदी पद खाली थे, जिन्हे संविदा आधार पर भरा जा जा रहा है। जल्द ही नियमित भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नई फैकल्टी आने से मरीजों और छात्रों को लाभ मिलेगा।

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