नई दिल्ली, 31 दिसम्बर : बहुचर्चित आरजी कर कोलकाता मामले के मद्देनजर एम्स दिल्ली ने अपने डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों और संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा के लिए एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। हालांकि, 2800 सामान्य सीसीटीवी कैमरे अलग से एम्स की सुरक्षा निगरानी कर रहे हैं।
एम्स के अतिरिक्त निदेशक कर्ण सिंह ने बताया कि हमने एम्स अस्पताल और संस्थान की सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्डों की तैनाती में इजाफा करने के साथ करीब 200 महत्वपूर्ण स्थानों पर एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। यह एडवांस सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी और नाईट विजन सुविधा से लैस हैं। सिंह ने बताया कि ये कैमरे एम्स परिसर में आने वाले लोगों की गिनती करने के साथ उनके चेहरे की पहचान करने और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम है।
उन्होंने बताया, इन कैमरों की खासियत है कि ये ‘नियम’ तोड़ने वाले व्यक्ति का पता लगा सकते हैं। प्रतिबंधित क्षेत्र के रूप में चिन्हित जगह पर प्रवेश करने वाले व्यक्ति की जानकारी तुरंत ही कंट्रोल रूम को भेज सकते हैं। एक से अधिक बार आवाजाही करने वाले संदिग्ध की पहचान करके कंट्रोल रूम को अलर्ट भेज सकते हैं। इसके अलावा कंट्रोल रूम ऑपरेटर द्वारा नजरअंदाज किए गए खतरों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने में मदद करते हैं।
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