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नई दिल्ली: एक प्रकार की खुशहाली है स्थायी खुशी : कोचर

नई दिल्ली: -खुशी में ऐसे रिश्ते बनाएं जो अच्छे और बुरे समय में हमारा साथ दे सकें

नई दिल्ली, 16 जनवरी : स्थायी खुशी एक प्रकार की खुशहाली है जो गहराई तक जाती है। यह आनंद की क्षणिक अनुभूति या अस्थायी अहंकार वृद्धि नहीं बल्कि स्थायी है क्योंकि यह हमारी सबसे प्रामाणिक आकांक्षाओं को पूरा करती है और इसमें ऐसे रिश्ते और अभ्यास बनाना शामिल है जो अच्छे और बुरे समय में हमारा साथ देते हैं।

यह जानकारी एम्स दिल्ली के फिजियोलॉजी विभाग की ओर से जेएलएन सभागार में आयोजित स्थायी खुशी सत्र के दौरान सामने आई। इस अवसर पर तनाव प्रबंधन और मानसिक कल्याण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। सत्र में चिंता और अवसाद के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने और आत्महत्या के विचारों के लिए तीव्र जागरूकता प्रदान करने की जरुरत पर जोर दिया गया। साथ ही स्वास्थ्य सेवा और आध्यात्मिकता को एकीकृत करने के विचार को वृहद स्तर पर लागू करने पर विमर्श किया गया। इस दौरान एम्स निदेशक एम श्रीनिवास, डॉ एएस मल्ही, डॉ. आर.पी. नेत्र विज्ञान केंद्र के डॉ. राजपाल वोहरा, मनोचिकित्सा विभाग की डॉ. सुजाता सत्पथी और मैत्रेयी कॉलेज की प्रोफेसर डॉ स्मृति सिंह आदि मौजूद रहे।

इस सत्र में डॉ के पी कोचर ने कहा, स्थायी खुशी एक पारस्परिक रूप से सहायक समुदाय पर आधारित होती है। यह इस बात को जानने से विकसित होती है कि हमारा कल्याण हमारे पड़ोसियों के कल्याण से जुड़ा हुआ है। जब हमें लगता है कि हम मुश्किल समय में दूसरों पर भरोसा कर सकते हैं, कि हर किसी के लिए एक जगह है और हम योगदान कर सकते हैं और उनके लिए पहचाने जा सकते हैं, तो हमारे पास स्थायी खुशी की नींव होती है। उन्होंने कहा, अच्छी बात यह है कि स्थायी खुशी एक स्वस्थ पर्यावरण, एक समतापूर्ण दुनिया और हमारी अपनी संतुष्टि के साथ संगत है। और यह संक्रामक है जो चीजें एक व्यक्ति के लिए कल्याण पैदा करती हैं, वे दूसरों और सभी जीवन के लिए अच्छी होती हैं। उन्होंने कहा, स्थायी खुशी संभव है लेकिन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम व्यक्तिगत रूप से और समाज के रूप में क्या चुनाव करते हैं।

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