नई दिल्ली: दिव्यांगों के प्रति समाज के व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत : एम्स
नई दिल्ली: -एम्स के फिजियोलॉजी विभाग ने किया सस्टेनेबल हैप्पीनेस सेशन का आयोजन

नई दिल्ली, 19 जनवरी : एम्स दिल्ली के जेएलएन सभागार में सस्टेनेबल हैप्पीनेस को लेकर एक स्पेशल सेशन का आयोजन किया गया। जिसमें एम्स निदेशक डॉ एम श्रीनिवास के साथ फिजियोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ केपी कोचर और आध्यात्मिक गुरु मास्टर जी ने प्रमुख रूप से शिरकत की।
इस विशेष सत्र के दौरान ‘नवोदित बुद्धि के भावनात्मक पहलू’ और ‘आध्यात्मिकता के माध्यम से दिव्यांगों के जीवन को बेहतर बनाने के तरीके’ के साथ ‘आत्मघाती विचारों पर काबू पाने’ सहित तीन विषयों पर पैनल चर्चा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शांतनु मुखर्जी ने कहा कि विशेष सत्र का उद्देश्य आध्यात्मिकता और चिकित्सा के संयोजन से मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में सुधार लाना है। पैनलिस्टों ने दिव्यांगों के प्रति समाज के व्यवहार में बदलाव लाने और माता-पिता की अपेक्षाओं को पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया। पैनल चर्चा में डॉ अमरिंदर मल्ही, डॉ. राजकुमार यादव, डॉ. राजपाल वोहरा, डॉ. विवेक दीक्षित, डॉ. सुजाता सत्पथी और डॉ. सिद्धार्थ सरकार आदि ने भाग लिया।
वहीं, डॉ केपी कोचर ने ‘मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा’ के प्रावधान के महत्व पर जोर दिया और दर्शकों को एम्स में बहुप्रतीक्षित, ‘मेंटी-मेंटर’ ( प्रशिक्षु-शिक्षक ) कार्यक्रम की सफलता से अवगत कराया, जो युवा छात्रों को रोजमर्रा की जिंदगी के तनाव से उबरने में मदद कर रहा है। आध्यात्मिक गुरु मास्टर जी ने कहा, मनुष्य जीवन एक अभिनय है, जिसे जो रोल मिला है वह उसे कर रहा है, लेकिन अगर इंसान आध्यात्म की ओर जाएंगा तो सभी रोगों से मुक्ति मिलेगी व जीवन में खुशियां आएंगी। उन्होंने कहा कि वो युवाओं के साथ मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद, नींद संबंधी विकार, आत्मघाती विचार और मादक द्रव्यों के सेवन पर चर्चा कर उन्हें अनंत के दर्शन करा रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान टी20 विश्व कप 2024 में दो बार आमने-सामने हो सकते हैं। जानिए कैसे