
नई दिल्ली, 5 मार्च: दिल्ली-एनसीआर में फ्लू और स्वाइन फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे है। लोग सिरदर्द, खांसी, थकान, हल्का बुखार और सांस लेने में दिक्कतें होने जैसी समस्याओं के साथ नजदीकी अस्पतालों की ओपीडी और निजी क्लीनिकों में पहुंच रहे हैं।
यह जानकारी एक सर्वे से सामने आई है जिसके मुताबिक उक्त लक्षण वाले मरीजों को ठीक होने में आठ से दस से अधिक दिन लग रहे है। जबकि आमतौर पर 5 से 7 दिन लगते हैं। इन मरीजों में 50 साल से अधिक उम्र के लोग और छोटे बच्चे ज्यादा शामिल हैं। इसके अलावा जिन लोगों को पहले से ही ब्लड प्रेशर, डायबिटिज, अस्थमा या हार्ट की बीमारी है, उन्हें अधिक परेशानी हो रही है। अस्पतालों में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। कुछ लोगों को डायरिया और उल्टी जैसी शिकायतें भी हो रही है।
इस संबंध में लोकल सर्कल्स ने दिल्ली एनसीआर में एक सर्वे के बाद पाया कि 54 प्रतिशत घरों में एक या एक से अधिक लोग कोविड, फ्लू या वायरल बुखार से पीडित है। अगस्त 2024 में किए गए सर्वे में ये आंकड़ा 38 प्रतिशत था। यानी वायरल बीमारियों का असर बढ़ गया है। सर्वे में लोगों से पूछा गया कि उनके घरों में कितने लोगों को बुखार, सर्दी, खांसी, सिरदर्द, पेट की समस्या, जोडों का दर्द या सांस लेने में दिक्कत है। 9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके घर में 4 या उससे ज्यादा लोग बीमारी है।
वहीं, सर्वे में शामिल 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके परिवार में 2 से 3 लोग बीमार है, जबकि 36 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके घर में कोई बीमार नहीं है। लोकल सर्कल्स का कहना है कि स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बात की जांच करनी चाहिए कि मामले क्यों बढ़ रहे है और कुछ मामले गंभीर क्यों हो रहे है। जिसके कारण लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। सर्वे में करीब 13 हजार लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें 63 फीसदी पुरुष और 37 प्रतिशत महिलाएं शामिल थी।
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