नई दिल्ली : दिल के मरीज को मिला नया दिल
नई दिल्ली : -ग्रीन कॉरिडोर के जरिये 20 किलोमीटर लंबा सफर महज 27 मिनट में किया तय
नई दिल्ली, 13 दिसम्बर: ब्रेन स्ट्रोक के चलते नागपुर में ब्रेन डेड डोनर का दिल अब दिल्ली में धड़क रहा है। इससे जहां डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी रोग से पीड़ित मरीज (59 वर्ष) को एक नई जिंदगी मिल गई है। वहीं, अंगदान के प्रति समाज में जागरूकता को भी बढ़ावा मिल रहा है।
मरीज के सीने में सफल ह्रदय प्रत्यारोपण करने वाले फोर्टिस अस्पताल ओखला के डॉ ऋत्विक राज भुयान ने बताया कि डोनर हार्ट जिन मरीज को लगाया गया वह पिछले करीब एक दशक से भी अधिक समय से ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे थे, और अब इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद वह काफी सही तरीके से रिस्पॉन्ड कर रहे हैं, रिकवर हो रहे हैं। इस मामले ने एक बार फिर अंगदान के महत्व तथा मरीजों का जीवन बचाने में एडवांस स्तर पर मेडिकल समन्वय की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया है।
डॉ भुयान के मुताबिक डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी से पीड़ित से मरीज के हृदय की मासंपशियां काफी कमजोर पड़ जाती हैं, और इस गंभीर विकार की वजह से एक्यूट हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। मरीज को कई सालों पहले पेसमेकर भी लगाया गया था लेकिन पिछले एक वर्ष में उनकी हालत तेजी से बिगड़ने लगी थी, जिसकी वजह से वह अपने बिस्तर तक सिमटकर रह गए थे और उन्हें काफी थकान भी रहती थी। उनके मामले में अन्य कोई उपाय कारगर साबित नहीं हो रहा था, ऐसे में हार्ट ट्रांसप्लांट करना ही उनका जीवन बचाने की एकमात्र उम्मीद थी।
उन्होंने बताया कि उक्त दिल नेशनल ऑर्गेन टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइज़ेशन के माध्यम से किंग्सवे हॉस्पिटल नागपुर में 9 दिसंबर को आवंटित किया गया था जिसे एयर एंबुलेंस से रात 1.12 बजे नागपुर से दिल्ली रवाना किया गया। यह सुबह 3.19 बजे दिल्ली हवाईअड्डे पहुंचा। यहां से इस डोनर हार्ट को तत्काल मंजिल तक पहुंचाने के लिए एक विशेष ग्रीन कोरिडोर तैयार किया गया था जिससे होते हुए सवेरे 3.57 बजे इस लाइव हार्ट को फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला पहुंचाया गया। इस दौरान करीब 20 किलोमीटर लंबा सफर महज 27 मिनट में तय किया गया।